लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने "उज्ज्वला योजना" को महिला सशक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एक योजना ने एक ओर जहां हमारी माताओं-बहनों को चूल्हे के धुएं से आजादी दिलाकर उनकी सेहत का ख्याल रखा है तो दूसरी ओर ईंधन की व्यवस्था करने की दुश्वारी, बरसात के महीनों में गीली लकड़ी की समस्या और रसोईघर में घंटों रहने की मजबूरी से भी निजात दिलाई है। यह स्वच्छ ईंधन स्वस्थ और बेहतर जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। सीएम ने कहा कि 2014 से पहले इसी देश में एक अदद सिलेंडर लेने के लिए रात 12 बजे से कतारें लगती थीं। सिलेंडर मिले या न मिले, पर विरोध किया तो लाठियां जरूर बरसती थीं। आज घर बैठे मुफ्त कनेक्शन मिल रहा है। यह होता है बदलाव।
मुख्यमंत्री योगी, बुधवार को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण के तहत प्रदेश में मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन, रिफिल सिलेंडर वितरण का शुभारंभ कर रहे थे। सोनभद्र, बांदा, महोबा, चित्रकूट, रायबरेली, हरदोई, बदायूं, अमेठी, फतेहपुर एवं फर्रुखाबाद जिलों की लाभार्थी महिलाओं से वर्चुअली बातचीत करते हुए सीएम ने कहा कि देश की गृहिणी महिलाओं के सरल जीवन को सुनिश्चित करने वाली उज्ज्वला योजना के पहले चरण की शुरुआत बलिया से हुई थी तो दूसरे चरण के शुभारंभ के लिए भी प्रधानमंत्री ने यूपी के महोबा को चुना। 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 2.0' के तहत अब न केवल मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन मिल रहा है, बल्कि साथ में पहला रिफिल गैस सिलेंडर भी निःशुल्क दिया जा रहा है। "प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना'' समाज के अंतिम पायदान पर खड़ी महिलाओं के जीवन में व्यापक परिवर्तन कर उन्हें धुएं से होने वाली बीमारियों से मुक्ति दिलाने का माध्यम बनी है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में उज्ज्वला योजना 1.0 के अंतर्गत मातृशक्ति को 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं । उज्ज्वला योजना 1.0 के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में मातृशक्ति को 01 करोड़ 47 लाख मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिए गए है। उज्ज्वला 2.0 के तहत देश में 01 करोड़ अतिरिक्त कनेक्शन प्रदान करने का निर्णय स्वच्छ रसोई ईंधन की उपलब्धता एवं जीवन स्तर को और सरल बनाएगा। 20 लाख से ज्यादा यूपी की महिलाएं इससे लाभान्वित हो रही हैं। सीएम ने कहा कि उज्ज्वला 2.0 में उन प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है जो पहले पते के प्रमाण के अभाव में इस लाभ से वंचित रह गए थे। सीएम योगी ने कहा की जननी सुरक्षा योजना हो या मातृ वंदना योजना या कि सौभाग्य जैसी योजना, इन प्रयासों से आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। जीवन सरल हुआ है।
जंगल से लाते थे लकड़ियां, धुंआ फूंकना हो गई थी किस्मत:
उज्ज्वला 2.0 के तहत मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन और रिफिल सिलेंडर पाने वाली 10 जिलों की महिलाओं ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री से अपनी दुश्वारियों की कहानी भी साझा की। हरदोई की रेखा देवी हों या फर्रुखाबाद की शबाना और रजनी, सबका यही कहना था कि एलपीजी कनेक्शन के अभाव में चूल्हा फूंकना किस्मत बन गई थी। 05 सदस्यों के लिए हर दिन भोजन बनाने वाली अमेठी की गीता ने बताया कि रसोई गैस कनेक्शन मिलना, जिंदगी बदलने से कम नहीं। बांदा की साफिया, सोनभद्र की रानी और रायबरेली की राजकुमारी देवी ने बरसात के दिनों में गीली लकड़ियों से होने वाली मुसीबत की कहानी सीएम को सुनाई और मुफ्त कनेक्शन मिलने के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी के प्रति आभार भी जताया। कार्यक्रम में सीएम ने निर्देश दिए कि उज्ज्वला का लाभ पाने वाले हर परिवार से संपर्क कर एलपीजी गैस कम्पनी के प्रतिनिधि उन्हें रसोई गैस संचालन, सुरक्षा आदि के संबंध में प्रशिक्षित करे।
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