उत्तर प्रदेश

Gyanvapi Masjid को बाहुबली मुख्तार अंसारी करता था फंडिंग!

श्रीकाशी विश्वनाथ मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष सुधीर सिंह का दावा; पुराणों, मुगलों व औरंगजेब के बीच अब बाहुबली की धमाकेदार इंट्री!

वाराणसी : पुराणों, मुगलों और औरंगजेब की बहस के बीच अब ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid ) मामले में बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी की धमाकेदार इंट्री हुई है। श्रीकाशी विश्वनाथ मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष व भाजपा के सदस्य सुधीर सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की फंडिंग माफिया मुख्तार अंसारी के द्वारा की जाती है। हम इसके लिए वाराणसी के मंडलायुक्त से मांग करते हैं कि वह जांच कराएं कि ज्ञानवापी मस्जिद की फंडिंग करने वाले कौन-कौन लोग हैं।

सुधीर सिंह ने इस मामले में खुद को ही चश्मदीद गवाह बताया है। उन्होंने दावा किया है कि मुख़्तार अंसारी सपा की अखिलेश सरकार में BHU में भर्ती था उस समय उन्हें मुलायम सिंह यादव का फोन मुझे आता है कि वह अफजाल अंसारी के साथ मुख़्तार के पास जाए।

सुधीर सिंह ने आरोप लगाया कि मुख़्तार के पास जब वह पहुचे तो वहां मौलाना बातिन नोमानी पहले से मौजूद थे और उन्हें मुख़्तार ने 10 लाख रुपया रख रखाव के लिए दिया। सुधीर सिंह का आरोप है कि मस्जिद को मुख़्तार अंसारी फंडिंग करता है और इसकी जांच होनी चाहिए कि मस्जिद के पास फंड कहा से आया।

दुर्गाकुंड निवासी श्रीकाशी विश्वनाथ मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष सुधीर सिंह ने यह घटना वर्ष 2012 की बताया है। उनका आरोप है कि मुख्तार अंसारी जो कि यूपी का बड़ा माफिया है, आतताई है, उसके पैसे से ज्ञानवापी मस्जिद की रख रखाव और मरम्मत होती है।

सुधीर भी सवालों के घेरे में
सुधीर सिंह के इस बयान पर कई सवाल उठने भी शुरू हो गये है। सबसे पहला तो ये कि सुधीर सिंह खुद मुख़्तार अंसारी से मिलने के लिए क्यों गए थे? क्या उनके भी घनिष्ठ संबंध मुख़्तार अंसारी से है। दूसरी बात ये कि जब सुधीर सिंह को ये बात साल 2012 में ही पता थी कि मुख़्तार अंसारी मस्जिद में फंडिंग करता है तो फिर ये मुद्दा सुधीर सिंह ने आज 10 साल बाद क्यों उठाया? सवाल ये भी है कि आखिर मुलायम सिंह यादव ने सुधीर सिंह को ही क्यों मुख़्तार अंसारी से मिलने के लिए भेजा?

माना कि 2017 तक सपा की सरकार थी। मगर सपा सरकार के बाद से आई योगी सरकार ने मुख़्तार पर और उसके लोगो पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। बावजूद ये मुद्दा उन्होंने नही उठाया और न कोई शिकायत दर्ज किया। आखिर अब ये मुद्दा उन्होंने क्यों उठाया?

बरहराल, यह मुद्दा अब चर्चाओं में है कि क्या मुख़्तार अंसारी मस्जिद को फंडिंग करता है? इस मामले में मस्जिद इंतेजामिया कमिटी के संयुक्त सचिव एस. एम. यासीन ने कहा कि पूरी बाते सिर्फ मनगढ़ंत है और झूठ की इंतहा है। आरोप लगाने के लिए कोई मुद्दा नही मिला तो इसे मुद्दा बना रहे है।