अयोध्या: त्रेतायुग में दुनिया की सबसे सुरक्षित अयोध्या को एक बार फिर उसके उसी वैभवशाली स्वरूप को प्रदान करने की कवायद जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अयोध्या को हाईटेक टेक्नोलॉजी से अभेद्य किला में तब्दील किया जा रहा है। प्रतिदिन बड़ी तादात में रामभक्तों का अयोध्या आना हो रहा है। ऐसे में उनकी सुरक्षा योगी सरकार की पहली प्राथमिकता है। इसके साथ शहर की साफ-सफाई की व्यवस्था को भी हाईटेक तरीके से मॉनिटर किया जाए, इसके लिए अयोध्या शहर को पूरी तरह से सीसी कैमरों की रेंज में लाया जा रहा है।
तीसरी आंख के जरिए सुरक्षा और स्वच्छता दोनों ही व्यवस्थाओं की निगरानी की जाएगी। इसके जरिए कंट्रोल कमांड सेंटर में बैठकर न सिर्फ संदिग्धों पर नजर रखी जा सकेगी, बल्कि चौराहों व गली-मोहल्लों में नगर निगम की ओर से मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं की भी मॉनिटरिंग की जा सकेगी। योगी सरकार ने घरों, प्रतिष्ठानों, होटलों और कार्यालयों के बाहर लगे सीसी कैमरे को पहले ही अमानीगंज स्थित कंट्रोल रूम से इंटीग्रेट कर लिया है।
अयोध्या में नव्य, भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला के प्रतिष्ठित होने के बाद से देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कह चुके हैं कि अयोध्या को ऐसे सजाया और संवारा जाए, जिससे यहां आने वाला हर एक शख्स बार-बार अयोध्या आना चाहे। इसी के तहत नगर निगम ने सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत अयोध्या में बड़ा कदम उठाया है। नगर निगम की टीम स्थानीय जनता और व्यापारियों से उनके कैमरे को कंट्रोल कमांड सेंटर के मॉनिटरिंग रूम से जुड़वाने की अपील कर रही है।
8.49 करोड़ का प्रोजेक्ट, जुड़ चुके हैं 1324 सीसीटीवी
सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर में काम का जिम्मा एलाइड डिजिटल सर्विसेज लिमिटेड को दिया गया है। यह 8.49 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है। रोड के किनारे के कैमरे को जलकल स्थित आईटीएमएस कार्यालय के लगे सर्वर से जोड़ दिया गया है। प्रोजेक्ट के तहत 312 लोकेशन चिह्नित किये गये थे। इनमें कुल 1324 सीसी कैमरों को जोड़ा जा चुका हैं। इन सीसी कैमरों की मदद से कंट्रोल रूम से न सिर्फ स्वच्छता पर ध्यान दिया जाएगा बल्कि अन्य व्यवस्थाओं की भी मॉनीटरिंग होगी। इसके लिए कंट्रोल रूम में नगर निगम के कर्मचारी बैठाए जाएंगे। जहां से नगर की सफाई व्यवस्था, पानी लीकेज, स्ट्रीट लाइट के बंद होने की जानकारी संबंधित अनुभाग को दी जाएगी। जानकारी मिलते ही फॉल्ट ठीक करने के लिए नगर निगम के कर्मचारी मौके पर पहुंच जाएंगे।
पुलिस की तीसरी आंख
सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत लग रहे कैमरे सुरक्षा की दृष्टि से काफी कारगर साबित होंगे। इससे शहर में घटित होने वाली घटनाओं पर नजर रखी जा सकेगी। इस प्रोजेक्ट के जरिए पुलिस को घटनाओं का खुलासा करने में काफी मदद मिलेगी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिहाज से भी इस प्रोजेक्ट के काफी कारगर माना जा रहा है।