उत्तर प्रदेश

बच्चों के सर्वागीण विकास पर केंद्रित होंगे आंगनबाड़ी केंद्र

आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिये बच्चों में कुपोषण एवं अनौपचारिक शिक्षा पर योगी सरकार का फोकस, आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद देकर आदर्श बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने जारी किए दिशा-निर्देश, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, शैक्षिक संस्थान या कोई संस्था ले सकती है गोद, डीएम की अनुमति से आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र विकसित किए जाएंगे

लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों (Aganwadi Centre) के जरिए नवजात से लेकर 6 वर्ष तक के बच्चों के सर्वागीण विकास की योजना बनाई है। इसमें बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के साथ ही उनकी अनौपचारिक शिक्षा जैसे प्रमुख एजेंडा को शामिल किया गया है। इसके तहत सबसे पहले सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को आदर्श बनाएगी, जिसके लिए जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और शैक्षिक संस्थाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इस कड़ी में डीएम की अनुमति से आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र विकसित किए जाएंगे। गौरतलब है कि राज्यपाल ने भी आंगनबाड़ी केंद्रों को 24 प्रकार की शिक्षा से संबंधित सामग्रियों की किट उपलब्ध कराए जाने का निर्देश दिया है।

आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराना मुख्य उद्देश्य
शासन द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों के क्रम में कुपोषण की अधिकता वाले आंगन को चिन्हित कर जनपदों में जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण के अतिरिक्त उच्च शैक्षिक संस्थानों, औद्योगिक संस्थानों, अन्य संस्थान (जिलाधिकारी की अनुमति से), मण्डल स्तरीय अधिकारी व अन्य अधिकारियों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इन आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर कई मानकों पर ‘आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र’ के रुप में विकसित किया जाएगा। योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को कुपोषण मुक्त करना, आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत 3-6 वर्ष के बच्चों हेतु अनौपचारिक शिक्षा (ई.सी.सी.ई.) के स्तर में सुधार करना और आंगनबाड़ी केंद्रों में आधारभूत सुविधाओं का सुदृढीकरण करना प्रमुख उद्देश्य है।

3 आंगनबाड़ी केंद्र गोद ले सकती हैं संस्थाएं
आंगनबाड़ी केंद्र को गोद लेने की प्रक्रिया जनपद में गोद लिए जाने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची जिला कार्यक्रम अधिकारी अथवा बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा सम्बन्धित गोद लेने वाली संस्थान / संस्था को उपलब्ध करायी जायेगी तथा उनसे विचार विमर्श कर उनकी स्वेच्छा से गोद लिये जाने वाले आगनवाड़ी केंद्र चिन्हित किए जाएंगे। तत्पश्चात अधिकारियों द्वारा गोद लिये जाने वाले शेष आंगनबाड़ी केंद्र आंवटित किए जाएंगे। प्रत्येक शैक्षिक संस्थान / संस्था द्वारा कम से कम 03 आंगनबाड़ी केंद्र को गोद लिया जाना है।

6 माह में विकसित करने की डेडलाइन
गोद लिए गए आंगनवाड़ी केंद्रों की प्रगति रिपोर्ट जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रतिमाह शासन एवं निदेशालय, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार को प्रेषित की जाएगी। गोद लिए गए आंगनबाड़ी केंद्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए निर्धारित समयावधि छः माह की होगी। आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र की घोषणा गोद लिए गए आगनबड़ी केंद्रों को निर्धारित अवधि में सभी मानकों की पूर्ति होने पर जिला पोषण समिति द्वारा आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र घोषित किया जाएगा एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।