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लाखों महिलायें मन और शरीर के स्वास्थ्य के लिए ‘फालुन दाफा’ ध्यान अभ्यास को अपना रही

कितना अच्छा हो यदि महिलाएं और अधिक सबल और करुणामयी हो सकतीं और पुरुष अधिक प्रशंसनीय और सहनशील – तो हमारा जीवन, हमारा परिवार, हमारी भावी पीढ़ी … सभी अधिक सामंजस्यपूर्ण नहीं होते? क्या हम सब यही इच्छा नहीं करते?

महिलायें सौम्य और जीवंत होती हैं, जिनमें स्नेह और करुणा की भावना अनायास ही होती है। माताएँ, बहनें, बेटियाँ और पत्नियाँ … भूमिकाएँ अलग हैं लेकिन उनके जीवन का सार एक ही है: उनकी ममता और करुणा जो कठोर से कठोर ह्रदय को पिघला सकती है। वे शारीरिक रूप से भले ही कमजोर हों, लेकिन आध्यात्मिक रूप से इतनी मजबूत कि जीवन की कठिन चुनौतियां भी उन्हें विफल नहीं कर सकतीं। उनकी सुंदरता केवल शारीरिक नहीं है – बल्कि यह “सौम्य किन्तु दृढ़ ह्रदय” है जो उन्हें उनके जीवन में पुरुषों का पूर्ण साथी बनाता है: जो हैं उनके पिता, भाई, पति और बेटे।

कितना अच्छा हो यदि महिलाएं और अधिक सबल और करुणामयी हो सकतीं और पुरुष अधिक प्रशंसनीय और सहनशील – तो हमारा जीवन, हमारा परिवार, हमारी भावी पीढ़ी … सभी अधिक सामंजस्यपूर्ण नहीं होते? क्या हम सब यही इच्छा नहीं करते?

आइये आपका परिचय फालुन दाफा साधना अभ्यास से कराते हैं जिसे दुनिया भर में 10 करोड़ से अधिक लोगों ने अपनाया है और अपने जीवन का हिस्सा बनाया है। महिलायें भी इस अभ्यास को सहर्ष अपना रही हैं और स्वस्थ व संतुष्ट जीवन का उद्देश्य प्राप्त कर पा रही हैं।

फालुन दाफा मन और शरीर की एक प्राचीन साधना पद्धति है जिसमें पांच सौम्य और प्रभावी व्यायाम सम्मिलित हैं। इसे 1992 में चीन में श्री ली होंगज़ी द्वारा सार्वजनिक किया गया था। श्री होंगज़ी को दुनियाभर में 3,000 से अधिक पुरस्कारों और प्रशस्तिपत्रों से नवाज़ा गया है और नोबेल शांति पुरस्कार व स्वतंत्र विचारों के लिए सखारोव पुरस्कार के लिए भी मनोनीत किया जा चुका है।

यह ध्यान अभ्यास लोगों को अच्छा स्वास्थ्य, मानसिक शांति और परिपूर्ण जीवन प्राप्त करने में मदद कर रहा है। आइये जानते हैं भारत की कुछ महिला फालुन दाफा अभ्यासियों के इस बारे में अनुभव:

चित्रा देवनानी, गृहिणी: “मेरी पहली डिलीवरी के बाद से मुझे पीठ दर्द रहने लगा, जिस कारण मेरे लिए सामान्य रूप से चलना भी दुष्कर था। लेकिन जब मैंने फालुन दाफा का पहला व्यायाम किया, मुझे लगा जैसे कोई सपना सच हो गया हो। व्यायाम की धीमी लयबद्ध गति ने तुरंत ही मुझे आराम महसूस करवाया; और उस दिन से मैंने कभी इसका अभ्यास नहीं छोड़ा। आज मैं दवाइयों के बिना ही पूरी तरह ठीक हो गई हूँ।”

पिछले 2 वर्षों से चित्रा ऑनलाइन वर्कशॉप द्वारा फालुन दाफा व्यायाम लोगों को सिखा रही हैं, जिससे बहुत से लोग लाभान्वित हुए हैं।

सुमाया हजारिका, मॉडल, मुंबई: “अभ्यास शुरू करने के एक महीने के अन्दर मैं अस्थमा से उबर सकी। अब मैं शांत और संयमित रह पाती हूं, जो मुझे कठिन परिस्थितियों में भी स्थिर रहने में मदद करता है।“

मैत्रेयी रॉय, सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल: “फालुन दाफा के सत्य-करुणा-सहनशीलता के तीन मार्गदर्शक सिद्धांतों से मैंने अपनी खोई हुई आंतरिक शांति को फिर से पा लिया है। अब मैं अपने आस-पास की दुनिया और तनाव से परेशान नहीं होती हूँ। यह अभ्यास जैसे मेरे लिए उच्च शक्ति का स्रोत बन गया है।”

चित्रा, सुमाया और मैत्रेयी की तरह ही, भारत में हजारों महिलाओं ने फालुन दाफा के अभ्यास द्वारा शांत मन, स्वस्थ शरीर और संतुष्ट जीवन प्राप्त किया है। यदि आप भी इस अभ्यास को सीखने के इच्छुक हैं तो www.LearnFG.in पर इसके नि:शुल्क वेबिनार के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। फालुन दाफा के बारे में अधिक अधिक जानकारी आप www.falundafa.org पर पा सकते हैं।