वैसे तो देवाधिदेव शिव के कई प्राचीन मंदिर हैं, लेकिन संगम के नजदीक अरैल स्थित शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर सूर्यदेव (Suryadev) से संबंधित है। शिवपुराण और
Read Moreपुराणों में वर्णन है कि एक बार यमराज की मृत्यु हुई थी। यमराज बड़े भयानक रूप के देवता है, जो भैंसे की सवारी करते हैं। पुराणों के अनुसार बहुत समय पहले ए
Read Moreविश्वकर्मा के कथनानुसार भगवान सूर्य (Suryadev) ने एक बार अपने सारे शरीर में लाल चंदन और कनेर का लेप किया, जिससे उनकी सारी वेदना मिट गयी। उसी दिन से ला
Read Moreशास्त्रों में सूर्य को प्रत्यक्ष देव माना जाता है। जिनके दर्शन हर कोई कर सकता है। सूर्य के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। भगवान सूर
Read Moreजो पृथ्वी पर मस्तक रखकर भगवान सूर्य (Bhagwan Surya) को नमस्कार करता है, वह तत्काल सब पापों से छुट जाता हैं, इसमें जरा भी संदेह नहीं हैं। जो सप्तमी को
Read Moreबाल्यकाल में जब हनुमान सूर्यदेव (Suryadev) को फल समझकर खाने को दौड़े तो घबराकर देवराज इंद्र (Devraj Indra) ने हनुमानजी (Hanumanji) पर वज्र का वार किया।
Read Moreभविष्य पुराण के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी वासुदेव जी से सूर्य पूजा का महत्व बताते हुए कहते हैं कि जो व्यक्ति नियमित सूर्य देव (Suryadev) की पूजा करता
Read Moreसूर्य सर्वभूत स्वरूप परमात्मा है। ये ही भगवान् भास्कर, ब्रह्मा, विष्णु और रुद्र बनकर जगत् का सृजन, पालन और संहार करते हैं इसलिए इन्हें त्रयीतनु कहा गय
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