घूमती धरती या अनन्त ब्रह्माण्ड का अक्स है शिवलिंग

ईशान संहिता के अनुसार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की महानिशा यानी आधी रात के वक्त भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे। वातावरण सहित घूमती धरती या सारे अनन्

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