व्यंग्यः शांत नहीं हुई पेट की गर्मी, पर हुई बेशर्मी

भैया मान लिया कि पेट के लिए अन्न जरूरी है। लेकिन अन्न से पेट की गर्मी भले शांत हुई जाये आँखों की गर्मी थोड़े ठंडी हुई जायेगी। अब साहेब गरीबों

Read More

व्यंग्यः शांत नहीं हुई पेट की गर्मी, पर हुई बेशर्मी

भैया मान लिया कि पेट के लिए अन्न जरूरी है। लेकिन अन्न से पेट की गर्मी भले शांत हुई जाये आँखों की गर्मी थोड़े ठंडी हुई जायेगी। अब साहेब गरीबों

Read More