हास्य व्यंग्य कविता: नर पर भारी नारी

अक्ल बाटने लगे विधाता, लंबी लगी कतारी। सभी आदमी खड़े हुए थे, कहीं नहीं थी नारी।।सभी नारियाँ कहाँ रह गई, था ये अचरज भारी। पता चला ब्यूटी पार्लर में, प

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