व्यंग्य: भैया ये जो किस्मत है ना, कतई भरोसे के लायक नहीं

भैया ये जो किस्मत है ना कतई भरोसे के लायक नहीं है। मल्लब कब चमक जाये औ कब पलट जाये कुछ अता-पता नहीं। इन्ही को देख लीजिए। गाना गाये थे दो साल

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व्यंग्य: भैया ये जो किस्मत है ना, कतई भरोसे के लायक नहीं

भैया ये जो किस्मत है ना कतई भरोसे के लायक नहीं है। मल्लब कब चमक जाये औ कब पलट जाये कुछ अता-पता नहीं। इन्ही को देख लीजिए। गाना गाये थे दो साल

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