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जोनाई में आसू की केन्द्रीय समिति के महासचिव का बाढ़ व भु-कटाव अंचल में भ्रमण

जोनाईः असम सरकार विज्ञानिक पद्धतियों से अध्ययन नहीं कर बाढ़ ,भु-कटाव को रोकने की व्यवस्था में बार बार  विफल साबित हुई है। पुरानी पद्धति से पार्काेपाइन और जीओ बेग से भु-कटाव को रोकने के प्रयास से नदी के किनारे रहने वाले लोगों और जनसाधारण को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बाढ़ ,भु-कटाव और […]

जोनाईः असम सरकार विज्ञानिक पद्धतियों से अध्ययन नहीं कर बाढ़ ,भु-कटाव को रोकने की व्यवस्था में बार बार  विफल साबित हुई है। पुरानी पद्धति से पार्काेपाइन और जीओ बेग से भु-कटाव को रोकने के प्रयास से नदी के किनारे रहने वाले लोगों और जनसाधारण को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बाढ़ ,भु-कटाव और पोबा वनांचल का दौरा करने अखिल असम छात्र संघ के केन्द्रीय समिति के महासचिव शंकर ज्योति बरुवा आज जोनाई पहुंचे। जहां अखिल असम छात्र संघ के जोनाई महकमा और जिला समिति ने जोरदार तरीके से स्वागत किया। 

जिसके पश्चात आसू के महासचिव शंकर ज्योति बरुवा , आसू के जोनाई महकमा समिति , जिला समिति और आंचलिक समिति के नेताओं का एक दल ने सर्वप्रथम असम अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र ओरियाम घाट पहुंचकर सियांग नदी के व्यापक भु-कटाव क्षेत्र का भ्रमण कर असम सरकार के पुरानी डफली पुरानी राग स्वरुप पार्काेपाइन और जीओ बेग से भु-कटाव रोकने की व्यवस्था पर जमकर सरकार की आलोचना किया।सरकार से ओरियामघाट से जीव विचित्र पोबा रेन फोरेस्ट सहित जोनाई के विस्तृत अंचल को बाढ़ और भु-कटाव से राहत की व्यवस्था  अतिशीघ्र वैज्ञानिक आधार पर करने की मांग की है। इसी बीच महासचिव ने सरकार और जल सम्पदा विभाग को दुधारू गाय के रूप में व्यवहार करने का आरोप लगाया  है। जल सम्पदा  विभाग से नदी के सभ्यता और नदी की विशिष्टता पर अध्ययन कर वैज्ञानिक पद्धति से बाढ़ वह भु-कटाव रोकने की व्यवस्था करने की मांग की।

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