राज्य

शिंदे गुट का नाम शिवसेना (बालासाहब) करने पर उद्धव बिफरे

नई दिल्ली/मुंबई: बागी शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने अपने साथी विधायकों के साथ अपने गुट का नाम शिवसेना (बालासाहब) कर दिया है। जिसने उद्धव ठाकरे को खुली चुनौती दे दी है। शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उद्धव ठाकरे ने दो टूक शब्दों में कहा कि शिंदे पहले नाथ थे अब दास हो गए […]

नई दिल्ली/मुंबई: बागी शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने अपने साथी विधायकों के साथ अपने गुट का नाम शिवसेना (बालासाहब) कर दिया है। जिसने उद्धव ठाकरे को खुली चुनौती दे दी है। शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उद्धव ठाकरे ने दो टूक शब्दों में कहा कि शिंदे पहले नाथ थे अब दास हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कोई और बालासाहब के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। हिम्मत है तो शिंदे अपने पिता के नाम पर वोट मांगे।

एकनाथ शिंदे का अपने गुट का नाम शिवसेना बालासाहब रखना उद्धव ठाकरे को चुनौती देने वाला है। उद्धव ठाकरे ने शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिंदे पर सीधा हमला बोला। कहा कि बालासाहब उनके पिता थे और उनके पिता का नाम कोई और इस्तेमाल नहीं कर सकता।

नाथ से दास हो गए शिंदे
बैठक में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पहले शिंदे नाथ थे लेकिन अपनी ही पार्टी शिवसेना से भाजपा में मिलकर पार्टी को धोखा दे रहे हैं। इसलिए अब शिंदे नाथ से दास हो गए हैं। उन्होंने शिंदे को चुनौती दी कि अगर हिम्मत है तो अपनी पार्टी या गुट का नाम अपने पिता के नाम से रखो। चुनाव के वक्त अपने पिता के नाम पर वोट मांगने जाओ, देखते हैं तुम्हे कौन वोट देता है।

चुनाव आयोग जाएगी शिवसेना ताकि कोई बाला साहब के नाम का इस्तेमाल न कर सके
शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चार प्रस्ताव पास किए गए हैं। जिसमें से एक प्रस्ताव के तहत शिवसेना चुनाव आयोग जाएगी। शिवसेना आयोग में अपील करेगी कि कोई और बालासाहब के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता। बता दें कि शिंदे ने अपने गुट का नाम शिवसेना बालासाहब रखा है।

अविश्वास प्रस्ताव नामंजूर होने के बाद शिंदे गुट की बैठक
उधर, गुवाहाटी में कई दिनों से डेरा जमाए शिंदे गुट ने महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को अविश्वास प्रस्ताव ई-मेल के जरिए भेजा था। जिसे अस्वीकार कर दिया गया है। डिप्टी स्पीकर की तरफ से कहा गया है कि पत्र में हस्ताक्षर विधायकों के असली नहीं है। उधर, डिप्टी स्पीकर से झटका मिलने के बाद गुवाहाटी में शिंदे गुट ने आगे की रणनीति तय करने के लिए बैठक की।