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जोनाई में तिहार उत्सव का आयोजन

जोनाई : धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के बालिजान गांव में बालिजान उत्तरण युवा संघ के प्रेक्षागृह में गोर्खा सम्प्रदाय के लोगों ने सार्वजनिक रूप सेसोमवार को तिहार उत्सव का आयोजन किया । जिसमें बालिजान उत्तरण युवा संघ के द्वारा झंडा फहराया गया।आयोजन समिति ने विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया।  जिसमें प्रतियोगियों ने असमिया, अंग्रेजी […]

जोनाई : धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के बालिजान गांव में बालिजान उत्तरण युवा संघ के प्रेक्षागृह में गोर्खा सम्प्रदाय के लोगों ने सार्वजनिक रूप सेसोमवार को तिहार उत्सव का आयोजन किया । जिसमें बालिजान उत्तरण युवा संघ के द्वारा झंडा फहराया गया।आयोजन समिति ने विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया।  जिसमें प्रतियोगियों ने असमिया, अंग्रेजी और नेपाली भाषा में कविता का पाठ के साथ ही आधूनिक गीत और लोकगीत ,देउसी भईली आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया । उक्त अवसर पर तिहार उत्सव कार्यक्रम में गोर्खा जनगोष्ठीय के भाषा ,साहित्य, सांस्कृतिक विभिन्न समस्याओं के संदर्भ में महत्वपूर्ण सभा का आयोजन किया गया।

उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष गोर्खा सम्प्रदाय के लोगों ने कार्तिक मास में पड़ने वाला तिहार उत्सव का पहला दिन होता है कौवा का त्योहार । इस दिन कौवा को मिष्ठान भोजन खिलाया जाता है। दुसरे दिन कुकुर अर्थात कुत्ता तिहार उत्सव में कुत्तों को माला पहनाकर  मिष्ठान और भोजन कराया गया। तीसरे दिन भाई तिहार मनाया गया। इसके बाद गोर्खा सम्प्रदाय के लोग नहा-धोकर गायों की पूजा अर्चना की। गायों को भी नहलाकर सुगंधित द्रव्य व फूलों से पूजन करके तथा उन्हें खिला पिलाकर माला पहनाते हैं। चौथा दिन होता है गोरु त्योहार अर्थात बैलों का त्योहार। साल भर खेत में हल जोतते रहने की एवज में कृतज्ञ गृहस्थ बैलों को पूजते हैं।पांचवें दिन अंतिम तिहार उत्सव होता है, जिसे कुछ लोग भाई तिहार अथवा भाई फुटा के नाम से जाना जाता है। उपरोक्त पांचों दिन के तिहार पर्व को क्रमानुसार शांतिपूर्वक तथा परंपरागत तरीके के साथ मनाया गया तिहार उत्सव से गोर्खा समाज में पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम साफ झलकता है।

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