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Uttarakhand: चमोली में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही की आशंका, 150 लोग लापता,अलर्ट जारी

देहरादूनः उत्तराखंड में जोशीमठ के पास एक बड़ा ग्लेशियर टूट गया है। इससे अलकनंदा नदी में प्रवाह बढ़ गया है, जिससे ऋषिगंगा तपोवन जलविद्युत परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें बचाव अभियान शुरू करने के लिए घटनास्थल पर पहुंच गईं। घटना के बाद ऋषिकेश, हरिद्वार सहित मैदानी इलाकों […]

देहरादूनः उत्तराखंड में जोशीमठ के पास एक बड़ा ग्लेशियर टूट गया है। इससे अलकनंदा नदी में प्रवाह बढ़ गया है, जिससे ऋषिगंगा तपोवन जलविद्युत परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें बचाव अभियान शुरू करने के लिए घटनास्थल पर पहुंच गईं। घटना के बाद ऋषिकेश, हरिद्वार सहित मैदानी इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस दुर्घटना में लगभग 150 लोग लापता बताए जा रहे हैं।

अधिकारियों ने कहा कि चमोली जिले में देहरादून से लगभग 300 किलोमीटर दूर एक बड़ा हिमस्खलन हुआ, जिससे रविवार सुबह ऋषि गंगा नदी पर बाढ़ आ गई। अधिकारियों ने हताहतों की आशंका के बीच तलाशी और बचाव अभियान शुरू किया है और हरिद्वार से सटे सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। बता दें कि जोशीमठ से आगे नीति मार्ग पर निजी कंपनी का ऋषिगंगा नदी पर पावर प्रोजेक्ट है, यहां करीब 24 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।

जानकारी के मुताबिक, पहाड़ी से ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर इस डैम पर गिरा। इससे डैम का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त होने से डैम का पानी तेजी से अलकनंदा नदी में जाने लगा है। अलकनंदा नदी का प्रवाह बढ़ने से केंद्रीय जल आयोग ने अपनी सभी चैकियों पर अलर्ट जारी किया है। ऋषिकेश तथा हरिद्वार में 6 से 7 घंटे के भीतर इस पानी के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। घटना के बाद से कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।

घटना के बाद, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थिति की निगरानी के लिए दिन के अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया।

एसडीआरएफ के प्रवक्ता प्रवीण आलोक ने कहा, “यह घटना रविवार सुबह 10.30 बजे हुई जब तपोवन के पास एक ग्लेशियर के फटने से बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई।

उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय एसडीआरएफ को सुबह करीब 11 बजे सूचना दी गई, जिसके बाद बचाव अभियान शुरू करने के लिए लगभग 30 लोगों के साथ तीन टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। हिमस्खलन से नदी में भारी मात्रा में पानी और मलबा आ गया है। नुकसान का पता नहीं चला है।’’

मामले को गंभीरता से लेते हुए श्रीनगर जल विद्युत परियोजना को झील का पानी कम किया जा रहा है ताकि अलकनंदा का जल स्तर बढ़ने पर अतिरिक्त पानी छोड़ने में दिक्कत न हो। श्रीनगर पुलिस ने नदी किनारे बस्तियों में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों में जाने की अपील कर रही हैं। साथ ही नदी में काम करने वाले मजदूरों को भी हटा दिया गया है। एसडीआरएफ लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से निकलने में मदद कर रहा है।

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