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तमिलिसई सौंदराजन ने पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में शपथ ली

नई दिल्लीः दक्षिण भारतीय राज्य पुडुचेरी (Puducherry) में जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के एक और विधायक के पार्टी छोड़ने के बाद सरकार अल्पमत में आ गई है। हाल ही में पुडुचेरी की गर्वनर किरण बेदी (Kiren […]

नई दिल्लीः दक्षिण भारतीय राज्य पुडुचेरी (Puducherry) में जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के एक और विधायक के पार्टी छोड़ने के बाद सरकार अल्पमत में आ गई है। हाल ही में पुडुचेरी की गर्वनर किरण बेदी (Kiren Bedi) को अचानक हटा दिया गया था। उनकी जगह तेलंगाना (Telangana) की गर्वनर तमिलिसई सौंदराजन (Tamilisai Soundarajan) अब इस पद को संभालेंगी। सौंदराजन ये पद संभालने वाली पांचवीं महिला हैं। उन्होंने ऐसे समय में पदभार संभाला जब सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने एक और विधायक के पार्टी छोड़ने के बाद अपना बहुमत खो दिया।

तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसई सौंदराजन, जिन्हें पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था, ने गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल के रूप में शपथ ली। मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी ने राज निवास में एक सादे समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई। इससे पहले, पुडुचेरी सरकार के मुख्य सचिव अश्विनी कुमार ने 16 फरवरी को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा जारी वारंट को पढ़ा और तमिलिसई सौंदराजन को केंद्र शासित प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार दिया।

पुडुचेरी विधानसभा अध्यक्ष वीपी शिवकोलुंधु, मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, मंत्री, विपक्ष के नेता एन रंगासामी, पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री ए नमसिव्यम (अब भाजपा में) और पुदुचेरी प्रशासन के अधिकारी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित थे। शपथ ग्रहण के बाद, उपराज्यपाल को राज निवास के बाहर पुडुचेरी पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया गया।

पुडुचेरी के उपराज्यपाल का पद संभालने वाली तमिलनाडु की तमिलिसई सौंदराजन पांचवीं महिला हैं। इससे पहले चंद्रावती, राजेंद्र कुमारी बाजपेयी, रजनी राय और किरण बेदी इस केन्द्र शासित प्रदेश की राज्यपाल रह चुकी हैं।

पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को राष्ट्रपति के एक आदेश के बाद मंगलवार को पद से हटा दिया गया। कांग्रेस पार्टी लंबे समय से नारायणसामी और बेदी के बीच कई मुद्दों पर उन्हें वापस बुलाने की मांग कर रही थी।

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