नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पंजाब (Punjab) को अगले साल के विधानसभा चुनावों (Assembly Election) में वोटों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन देने का वादा किया है। केजरीवाल ने राज्य में 24 घंटे बिजली और प्रत्येक परिवार के लिए 300 यूनिट मुफ्त और पिछले बिजली बिलों पर छूट का ऐलान किया है। दिल्ली की ओर इशारा करते हुए, जहां उन्होंने चुनावों से पहले इसी तरह के वादे किए थे, केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह केजरीवाल का वादा है, कैप्टन का नहीं। हम अपने वादे पूरे करते हैं। कैप्टन के वादे 5 साल बाद भी पूरे नहीं हुए हैं।’’
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में बोलते हुए, केजरीवाल ने कहा, कि अगर आप पंजाब में जीतती है, तो बिजली बिल माफी का वादा तुरंत पूरा किया जाएगा। राज्य के हर घर को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से पंजाब के करीब 77 से 80 फीसदी लोगों का बिजली बिल जीरो होगा। उन्होंने कहा कि 24ग्7 बिजली आपूर्ति के वादे को पूरा करने में तीन साल तक लग सकते हैं।
दिल्ली में 2015 की अपनी जीत के बाद, आप ने दो साल बाद पड़ोसी पंजाब को जीतने की उम्मीद की थी। लेकिन 25 लाख नौकरियों, ₹5 भोजन, मुफ्त वाईफाई, उद्यमिता योजनाओं, वृद्धावस्था पेंशन और नशीली दवाओं से मुक्त राज्य सहित कई मुफ्त सुविधाओं के इसके वादे पर्याप्त वोट हासिल करने में विफल रहे थे। पिछले चुनाव में ।।च् केवल 20 सीटों पर जीतने में सफल रही थी। बता दें कि अकाली-भाजपा सरकार के 10 साल के शासन को समाप्त करते हुए कांग्रेस ने 77 सीटों पर कब्जा जमाया था।
यह संकेत देते हुए कि पार्टी ने इस बार अपना होमवर्क किया है, केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने पूरे पंजाब के लोगों से संपर्क किया और पाया कि वे बिजली की लागत से ‘नाखुश’ हैं। कुछ महिलाओं ने कहा कि बिजली बिल कभी-कभी घरेलू आय का 50 प्रतिशत होता है। इससे घर चलाने में मुश्किल होती है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरप्लस बिजली पैदा करता है, लेकिन घंटों बिजली कटौती करता है। इसके ऊपर, कई लोगों को बढ़े हुए बिल मिलते हैं।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘दो बत्तियों और एक पंखे वाले व्यक्ति को ₹ 50,000 प्रति माह का बिजली बिल मिलता है। यह कैसे संभव है? यह गलत है। यह तत्काल प्रभाव से समाप्त हो जाएगा। इतना ही नहीं, सभी पुराने बकाया और लंबित या बकाया बिल रद्द कर दिए जाएंगे। किसी को भी पुराने बिल नहीं चुकाने होंगे।’’
केजरीवाल ने दिल्ली की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि शहर बिजली पैदा नहीं करता बल्कि विभिन्न राज्यों से लेता है। लेकिन फिर भी दिल्ली में बिजली की लागत देश में सबसे कम है। यह कैसे किया जा रहा है? और यह पंजाब में भी क्यों नहीं किया जाना चाहिए?
दिल्ली की जीत का श्रेय बिजली और शिक्षा के क्षेत्र में अपने काम को देने वाली आम आदमी पार्टी पंजाब में अपनी जमीन तैयार करने की कोशिश कर रही है। इसमें, यह राज्य की कांग्रेस सरकार के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है, जो अपने लोकलुभावन वादों से जनता को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
केजरीवाल द्वारा अमरिंदर सिंह सरकार के अधूरे वादों की याद दिलाना इस चुनाव में कांग्रेस की कमजोरी के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग ने अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत कर दी है और मांग कर रहे हैं कि चुनाव से पहले वादों को पूरा किया जाए, जिससे पार्टी के भीतर भीषण संकट पैदा हो गया।
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