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Punjab: अमरिंदर लांच करेंगे नई पार्टी, 2022 चुनावों में करेंगे बीजेपी के साथ समझौता?

नई दिल्लीः पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को घोषणा की कि वह जल्द ही अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी शुरू करेंगे और 2022 के राज्य चुनाव के लिए भाजपा के साथ संभावित गठबंधन का संकेत दिया यदि केंद्र तीन कृषि कानूनों को वापस लेता है। अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार अमरिंदर […]

नई दिल्लीः पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को घोषणा की कि वह जल्द ही अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी शुरू करेंगे और 2022 के राज्य चुनाव के लिए भाजपा के साथ संभावित गठबंधन का संकेत दिया यदि केंद्र तीन कृषि कानूनों को वापस लेता है।

अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार ने कहा, ‘‘पंजाब के भविष्य के लिए लड़ाई जारी है। पंजाब और उसके लोगों के हितों की सेवा के लिए जल्द ही अपनी राजनीतिक पार्टी शुरू करने की घोषणा करूंगा, जिसमें हमारे किसान भी शामिल हैं, जो एक साल से अधिक समय से अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों में भाजपा के साथ सीट व्यवस्था की जाएगी, अगर किसानों के विरोध का समाधान किसानों के हित में किया जाता है। साथ ही समान विचारधारा वाले दलों जैसे कि अलग-अलग अकाली समूहों, विशेष रूप से ढींडसा और ब्रह्मपुरा गुटों के साथ गठबंधन को देखते हुए।’’

18 सितंबर को, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया, उनके और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के बीच महीनों तक चले संघर्ष के बाद, कांग्रेस आलाकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री चुना।
कयास लगाए जा रहे थे कि अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भाजपा में शामिल होंगे। अमरिंदर सिंह ने 30 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात भी की थी।

हालांकि, उन्होंने पार्टी में शामिल होने से इनकार किया और कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील करना था।

हरीश रावत ने अमरिंदर सिंह पर साधा निशाना
अमरिंदर सिंह की नई पार्टी शुरू करने की योजना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि पार्टी का मानना ​​​​है कि पूर्व सीएम धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का पालन करते हैं, लेकिन वे गलत थे।

मीडिया से बात करते हुए हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस उनके योगदान को महत्व देती है और इतने सालों के बाद उन्हें बाहर नहीं करना चाहती।

रावत ने कहा, ‘‘अगर उन्हें लगता है कि भाजपा अच्छी है, तो वह जा सकते हैं। हम उनके साथ ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि वह इतने लंबे समय से हमारे साथ थे और उन्हें यह नहीं कहना चाहिए कि कांग्रेस ने इतने लंबे समय के बाद मेरे साथ ऐसा किया।’’

(एजेंसीे इनपुट के साथ)

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