लखीमपुर (असम): जिला प्रशासन द्वारा आयुष मंत्रालय (असम), खेल एवं युवा कल्याण संचालकालय, असम सरकार और पतंजली योग समिति, लखीमपुर के सहयोग से सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन स्थानीय सरकारी बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रेक्षागृह में किया गया। इस उद्देश्य से सम्पन्न सभा की अध्यक्षता विद्यालय के अध्यक्ष अनिल सैकिया ने की। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए पंकज सभापंडित ने कहा कि कोविड-19 के चलते दिवस का आयोजन सीमित संख्या में लोगों को लेकर कोरोना के नियमों का पालन करते हुए किया जा रहा है।
कार्यक्रम का उद्घाटन जिले के अतिरिक्त उपायुक्त (स्वास्थ्य) गीताली दुवरा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। लखीमपुर जिले के आयुष के नोडल अधिकारी डॉ सुरेश दत्त ने अपने उद्घाटन भाषण में दैनिक जीवन में योगाभ्यास के महत्व पर प्रकाश डाला। सभा में उत्तर लखीमपुर राजस्व परिक्षेत्र के सर्किल ऑफिसर ध्रुवज्योति हातीबरुवा, लालुक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ मृदुल बरुवा और पतंजली योगपीठ के जिलाध्यक्ष व् समाज सेवी राजेश मालपानी उपस्थित थे।
डॉ मृदुल बरुवा ने योग तथा प्राणायाम के वैज्ञानिक पहलुओं का उल्लेख कर कहा कि विदेशों की तुलना में हमारे देश में योग को नहीं अपनाया जा रहा है। उन्होंने इस बात के लिए धन्यवाद् दिया कि पंडित रविशंकर, स्वामी रामदेव सहित कुछ योग साधकों द्वारा योग को देश के घर-घर तक पहुचाया। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर ही 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जाने लगा।
ध्रुवज्योति हातीबरुवा ने योग से उनके जीवन में हुए फायदे को बताते हुए इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने का लोगो से आह्वान किया। राजेश मालपानी ने अपने वक्तव्य में कहा कि जो लोग नियमित रूप से योग व् प्राणायाम करते हैं उन्हें कोरोना भी कोई क्षति नहीं पंहुचा सका है। स्वस्थ तन और मन का अधिकारी होने के लिए उन्होंने योग को उसी तरह से अपनाये जाने की सलाह दी, जिस तरह से हम अन्नाहार को अपने जीवन में शामिल करते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को योग शिक्षक दीपांकर घोष और राजेश मालपानी ने कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण व लाभकारी योग सिखाये। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।
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