नई दिल्ली: आयकर विभाग ने दक्षिणी तमिलनाडु क्षेत्र में सिविल कांट्रेक्टर के दो समूहों पर 3 मार्च, 2021 को तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। इस तलाशी और जांच अभियान के अंतर्गत मुख्यतः मदुरई और रामनाद जिलों में 18 स्थानों पर छापेमारी की गई। बड़ी संख्या में नकदी होने के संबंध में मिली खुफिया जानकारी के आधार पर इन व्यवसायिक समूहों पर छापेमारी और तलाशी का अभियान चलाया गया है।नक़दी के बारे में आशंका थी कि इसका चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्यों से इस्तेमाल किया जा सकता है। तलाशी में तीन करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है जिसे ज़ब्त कर लिया गया है।
इसके अलावा इसके भी साक्ष्य मिले हैं कि मुनाफे को कम करके दिखाने के लिए विभिन्न प्रकार के फर्जी खर्चे प्रदर्शित किए गए हैं। व्यवसायिक समूह द्वारा कुल टर्नओवर का 2% से भी कम मुनाफा दिखाया गया है, जबकि वास्तविक लेखा में मुनाफा 20% से भी अधिक पाया गया। गलत ढंग से खर्चों को दिखाने के लिए 100 उप ठेकेदारों को शामिल किया गया है ताकि गैर कानूनी भुगतान को जायज ठहराया जा सके। संपत्ति खरीद के लिए नकद भुगतान भी शामिल है। इन ठेकेदारों ने अपने आयकर रिटर्न इन्हीं व्यवसायिक समूहों के आई पी एड्रेस से दाखिल किए और एक बार दाखिल किए गए ऐसे आयकर रिटर्न की पावती को आय के एकमात्र स्रोत के रूप में दिखाया है।
छापेमारी अभियान के दौरान 175 करोड़ के बेहिसाबी आय का पता चला है। 3 करोड़ की नकदी बरामद हुई जिन्हें जब्त कर लिया गया है। आगे की जांच पड़ताल जारी है।
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