लखीमपुरः ह्यूमेन राइट्स इंटरनेशनल फेडरेशन की लखीमपुर जिला समिति ने नंदिता सैकिया की मौत पर दुःख व्यक्त किया है। साथ ही शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना जाहिर की है। संस्था की तरफ से नंदिता की बर्बरतापूर्वक हत्या करने वाले रिन्तु शर्मा को ऐसी सजा देने की मांग की गई है ताकि भविष्य में फिर किसी नंदिता की हत्या न हो।
उल्लेखनीय है कि गत 21 अगस्त को मरीढोल महाविद्यालय के ग्रंथागार विभाग के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी रिन्तु शर्मा ने दिन दोपहर धेमाजी शहर में धारदार हथियार से नंदिता सैकिया, काश्मिना दत्त और काश्मिना के पिता देव दत्त पर आक्रमण किया था। इस हमले में तीनो गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बेहोशी की हालत में तीनों को धेमाजी के असामरिक चिकित्सालय में भर्ती किया गया। पर नंदिता की स्थिति ज्यादा खराब होने के कारण उसे डिब्रुगढ़ ले जाया गया। हमलावर ने नंदिता के सर पर तेज हथियार से कई वार किये थे, जिससे उसका काफी खून बह गया था। गत 26 अगस्त को अपराह्न 1 बजकर 10 मिनट पर नंदिता की मौत हो गई।
नंदिता की मौत से राज्य भर में प्रतिक्रिया हुई है। धेमाजी जिला छात्र संस्था, असम जातीयतावादी छात्र परिषद्, धेमाजी जिला जातीयतावादी छात्र परिषद् सचेतन नारी शक्ति, धेमाजी जिला साहित्य सभा, धेमाजी जिला पत्रकार संस्था, धेमाजी प्रेस क्लब सहित जिले के विभिन्न संस्था संगठनो ने नंदिता के हत्यारे को सख्त सजा देने की मांग की है।
कल ह्यूमेन राइट्स इंटरनेशनल फेडारेशन के एक प्रतिनिधि दल ने नंदिता के घर जाकर उसके माता-पिता से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त करने के साथ ही वित्तीय मदद भी की। प्रतिनिधि दल में संस्था के समन्वयक मृणाल समुवा, सदस्य लोहित दास, टून हजारिका, सविता सेलेंग और सापोन हजारिका शामिल थे। संस्था ने इस हत्याकांड की तीव्र्र निंदा करने के साथ ही असम सरकार से मांग की है कि नंदिता के हत्यारे को कड़ी सजा दिलाई जाये।
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