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Greta Thunberg ‘toolkit’ case: दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु की 21 वर्षीय एक्टिविस्ट को लिया हिरासत में

नई दिल्लीः ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल (Special Cell) ने बेंगलुरु (Bengaluru) से 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट (Climate Activist) दिशा रवि (Disha Ravi) को हिरासत में लिया है। यह एक्टिविस्ट फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन (Friday Future Campaign) की फॉउंडरों (Founder) में से एक हैं। ज्ञात हो […]

नई दिल्लीः ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल (Special Cell) ने बेंगलुरु (Bengaluru) से 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट (Climate Activist) दिशा रवि (Disha Ravi) को हिरासत में लिया है। यह एक्टिविस्ट फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन (Friday Future Campaign) की फॉउंडरों (Founder) में से एक हैं। ज्ञात हो कि 4 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने टूलकिट को लेकर एक केस दर्ज किया था। दिशा रवि पर आरोप है कि उन्होंने किसानों से जुड़ी टूलकिट को छेड़छाड़ कर उसको आगे भेजा था।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने शनिवार को ग्रेटा थुनबर्ग के ट्वीट टूलकिट को फैलाने में कथित भूमिका के लिए बेंगलुरु की 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया। हालांकि, पुलिस ने अभी तक उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है।

गौरतलब है कि 4 फरवरी को, थुनबर्ग ने ‘टूलकिट’ के लिए एक ट्वीट किया था जिसमें किसानों के विरोध के लिए अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा गया था, ‘‘यदि आप मदद करना चाहते हैं तो भारत में जमीन पर लोगों द्वारा एक अपडेटेड टूलकिट है। (उन्होंने अपना पिछला दस्तावेज हटा दिया क्योंकि यह पुराना था।) ”।

इसके बाद, दिल्ली पुलिस ने अपने टूलकिट बनाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिसके बाद सरकार समर्थक सोशल मीडिया हैंडल ने नाराजगी जताते हुए दावा किया कि ‘टूलकिट’ भारत पर हमला करने के लिए एक वैश्विक साजिश का सबूत था। प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह), 153ए (सामाजिक/सांस्कृतिक/धार्मिक आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच घृणा को बढ़ावा देना) और 120बी (आपराधिक साजिश) शामिल थी।

एक टूलकिट, एक सोशल मीडिया प्रचारक के अनुसार, ‘किसी कारण या मुद्दे को समझाने के लिए बनाई गई एक पुस्तिका या दस्तावेज है’ जो ‘जमीनी स्तर से मुद्दे को संबोधित करने के दृष्टिकोण’ की पहचान करने में मदद करता है।

थनबर्ग द्वारा ट्वीट किए गए ‘टूलकिट’ ने समझाया कि इसका मतलब ‘किसी को भी भारत में चल रहे किसानों के विरोध से अंजान नहीं होना चाहिए ताकि स्थिति को बेहतर ढंग से समझा जा सके और किसानों को अपने विश्लेषण के आधार पर निर्णय लिया जा सके।’

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