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मूलभूत सुविधाओं से वंचित वृहत्तर मेसाकी छापरी अंचल

जोनाईः असम के धेमाजी जिले के जोनाई महकमा सदर से करीब 35 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित मेसाकी छापरी अंचल आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। मेसाकी छापरी 1, 2 नंबर मेसाकी, मेसाकी आनो छापरी, मेसाकी राभा, मेसाकी बोडो, लामाजान, जौघुली बोडो, जौघुली मिशिंग, कांकंन छापरी, सीताराम छापरी, नंबर तीन मिरी, नंबर तीन बर्मन, […]

जोनाईः असम के धेमाजी जिले के जोनाई महकमा सदर से करीब 35 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित मेसाकी छापरी अंचल आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। मेसाकी छापरी 1, 2 नंबर मेसाकी, मेसाकी आनो छापरी, मेसाकी राभा, मेसाकी बोडो, लामाजान, जौघुली बोडो, जौघुली मिशिंग, कांकंन छापरी, सीताराम छापरी, नंबर तीन मिरी, नंबर तीन बर्मन, रामसिंह राभा, रामसिंह ग्वाला, मोहनामुख ग्वाला, मोहनामुख बोडो, कांछी टुकुरा, बोरिया छापरी पार्ट 1, पार्ट 2, पार्ट 3, 3 नंबर सूत्रधर, 3 नंबर वर्मन, मुकुली पथार, मिलनपुर, रामेए-रामेए, सिंहापुर, जेतीपुर आदि गांवों को लेकर गठित इस अंचल के लोग आधुनिक युग में आज भी बाढ व भु-कटाव, यातायात, शिक्षा, चिकित्सा और शुद्ध पेयजल आदि सहित मूलभूत सुविधाओं से ग्रसित है। 

लाईमेकुरी गांव पंचायत के दस नंबर वार्ड के मेसाकी छापरी अंचल में करीब 29 गावों में लगभग 15 हजार लोग रहते हैं। इस अंचल में करीब पांच हजार से अधिक मतदाता हैं, जो नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।

ब्रह्मपुत्र व लाली नदी के दो धाराओं के द्वारा हो रहे व्यापक भू-कटाव के कारण कई गांव नदी में समा चुके हैं। बाढ़ के दिनों में यातायात के लिये यहां के लोगों को नाव ही एकमात्र सहारा है। बाढ़ के बाद इस अंचल के लोगों के यातायात के लिये मार्ग की दिशा नदियां ही तय करती हैं।

शिक्षा के लिए इस अंचल में एक एलपी और एक एमई स्कूल है, लेकिन एमई स्कूल पास करने के बाद बच्चों को हाई स्कूल पढ़ने के लिए लाईमेकुरी, जोनाई भेजने पड़ता है। इसका परिणाम यह होता है कि गरीब लोगों के बच्चे अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर रोजी-रोटी के जुगाड़ में लग जाते हैं।  

इस अंचल के लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरान विधायक व सांसद इस अंचल के भोले-भाले ग्रामीणों को सुनहरे स्वप्न दिखाकर अपना वोट हासिल कर लेते हैं और दोबारा इस अंचल का रुख नही करते हैं।

चिकित्सा के नाम पर इस अंचल में एक उप-स्वास्थ्य केंद्र है, जिसमें एक नर्स और एक स्वास्थ्यकर्मी नियुक्त किया गया है। साथ ही गांववालों ने बताया कि सरकार के द्वारा विद्युत के लिए सोलर लाइट भी दी गई है। मगर ठेकेदार द्वारा खराब बैटरी देने के कारण सार्ट सार्किट के वजह से पचास से अधिक लोगों के घरों में पूरी तरह से बर्बाद हो गये। स्थानीय लोगों ने इस अंचल के लोगों के मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए सरकार से मांग की है।

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