नई दिल्लीः कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों को प्रदर्शन करते दो महीने से ऊपर हो गये हैं। इस बीच 26 जनवरी पर जिस तरह का आतंक मचाया गया था, उससे यह तो काफी हद तक जाहिर हो चुका है कि खालिस्तानी अलगाववादी भारत में चल रहे किसान आंदोलन का फायदा उठाना चाहते हैं। सुरक्षा बलों ने पहले अलर्ट जारी किया कि सिख अलगाववादी नेता और खालिस्तानी आतंकवादी किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन के माध्यम से भारत में अपने आंदोलन को पुनर्जीवित करने की योजना बना रहे हैं।
इस बीच शनिवार को बुलाए गए चक्का जाम में भी खालिस्तानी तत्व घुसपैठ करने में कामयाब हो गए। समाचार एजेंसी एएनआई ने उस वीडियो को साझा किया जिसमें ‘चक्का जाम’ के दौरान शनिवार को भिंडरावाले की तस्वीर के साथ एक ट्रैक्टर के ऊपर एक झंडा लगाया गया था।
#WATCH: A flag with a portrait bearing resemblance to Bhindranwale seen on a tractor at a ‘Chakka jam’ protest in Ludhiana pic.twitter.com/d6lFT0IoPC
— ANI (@ANI) February 6, 2021
किसान आंदोलन में ऐसे लोगों के समूह भी मौजूद हैं जो किसानों के विरोध प्रदर्शनों के लिए धन मुहैया करा रहे हैं। गणतंत्र दिवस की हिंसा भारत में व्यापक रूप से बहस का मुद्दा रही है जो अब वैश्विक लोगों तक पहुंच रही है। पंजाब, लुधियाना में, शनिवार को किसान ‘चक्का जाम’ के दौरान, सिख अलगाववादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीरों वाले झंडे लेकर चल रहे थे।
बता दें कि जून 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारा गया भिंडरावाले सिखों के धार्मिक समूह दमदमी टकसाल का प्रमुख था। सिखों के लिए अलग देश की मांग करने वालों में भिंडरावाले को प्रमुख बताया जाता है। खालिस्तानी अलगाववादी उसे अपना आदर्श मानते हैं। पिछले दिनों सिंघु बॉर्डर पर भी उसका पोस्टर दिखा था। विदेशों में खालिस्तानी समर्थकों के प्रदर्शनों में भी वह दिखता रहा है।
Comment here
You must be logged in to post a comment.