नई दिल्लीः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत 130 करोड रुपये से अधिक के उर्वरक निर्यात घोटाले से कथित रूप से ‘अघोषित आय’ प्राप्त करने के लिए उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू होने के लगभग एक साल बाद यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए।
प्रारंभिक जांच के अनुसार, अग्रसैन की फर्म अनुपम कृषि, सराफ इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर, पोटाश के कथित अवैध निर्यात में लगी हुई थी। अनुपम कृषि सराफ इम्पेक्स द्वारा किए गए निर्यात का मूल था। एमओपी (म्यूरेट ऑफ पोटाश) के अवैध निर्यात की कुल मात्रा लगभग 30,000 टन थी, जिसकी कीमत 130 करोड़ रुपये थी। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के अनुसार, अग्रसैन पर एक बड़ा कमीशन प्राप्त करने का आरोप है, जिसने पहले मामले की जांच की थी और अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) दायर किया था। ईडी का मामला डीआरआई की चार्जशीट पर आधारित है।
एजेंसी पहले ही अग्रसेन के बेटे अनुपम से पूछताछ कर चुकी है। हालांकि, इससे पहले कि एजेंसी घोटाले में उनकी भूमिका के लिए उनसे पूछताछ कर पाती, अग्रसेन ने एजेंसी द्वारा कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने की मांग करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय का रुख किया। अदालत ने उन्हें कुछ राहत तो दी लेकिन जांच में सहयोग करने को कहा।
हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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