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ड्राइवर जावेद बना मसीहा, कोरोना मरीजों के लिए ऑटोरिक्शा को बनाया एम्बुलेंस

नई दिल्लीः ऐसे विनाशकारी समय में जब कोविड-19 की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है। ऐसे समय में आशा को खोना और निराशा में पड़ना बहुत आसान है। हालाँकि, अभी भी ऐसे लोग हैं जो अपनी दयालुता के साथ एक मिसाल कायम कर रहे हैं और इतने बुरे समय में भी उम्मीद की […]

नई दिल्लीः ऐसे विनाशकारी समय में जब कोविड-19 की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है। ऐसे समय में आशा को खोना और निराशा में पड़ना बहुत आसान है। हालाँकि, अभी भी ऐसे लोग हैं जो अपनी दयालुता के साथ एक मिसाल कायम कर रहे हैं और इतने बुरे समय में भी उम्मीद की किरण बनकर सामने आ रहे हैं और कोविड रोगियों की मदद कर रहे हैं।

ऐसे ही एक मसीहा हैं जावेद खान, जो मध्य प्रदेश के भोपाल के एक ऑटो-रिक्शा चालक हैं, जिन्होंने जरूरत पड़ने पर अपने ऑटो को एम्बुलेंस में बदल दिया। वह कोरोना के मरीजों को फ्री में अस्पताल पहुंचा रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि जावेद मरीजों को अपने ऑटो जोकि परिवर्तित एम्बुलेंस है, में मुफ्त में अस्पतालों में ले जाता है।

ड्राइवर खान, ने एएनआई से कहा, ‘‘मैंने सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर देखा कि एम्बुलेंस की कमी के कारण लोगों को अस्पतालों में कैसे ले जाया जा रहा है। इसलिए मैंने ऐसा करने के बारे में सोचा।’’

बता दें कि खान ने अपने रिक्शा / एम्बुलेंस को ऑक्सीजन सिलेंडर, पीपीई सूट और ऐसी अन्य चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित किया है। जावेद ने यह भी बताया कि खर्चों का प्रबंधन करने के लिए, उसने अपनी पत्नी के गहने बेच दिए। वह कोविड-19 से पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर को रिफिल कराने के लिए घंटों कतार में खड़ा रहता है।

उन्होंने आगे कहा, ‘‘मैंने इसके लिए अपनी पत्नी के गहने बेच दिए। मैं एक रीफिल सेंटर के बाहर कतार लगाता हूं और ऑक्सीजन प्राप्त करता हूं। मेरा संपर्क नंबर सोशल मीडिया पर उपलब्ध है। अगर कोई एम्बुलेंस नहीं है तो लोग मुझे कॉल कर सकते हैं। मैं इसके लिए ऐसा कर रहा हूं।’’ वह बताते हैं कि पिछले 15-20 दिनों में वह 9 गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचा चुके हैं।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

 

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