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केन्द्र सरकार ने सिविल सर्विसेज के जम्मू-कश्मीर कैडर को किया समाप्त

नई दिल्‍ली: केंद्र सरकार ने सिविल सर्विसेज में बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर कैडर को खत्म कर दिया है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को इस संबंध में जानकारी दी है। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर रिऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी की है। नए आदेश के तहत, जम्मू- कश्मीर के आइएएस, आइपीएस […]

नई दिल्‍ली: केंद्र सरकार ने सिविल सर्विसेज में बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर कैडर को खत्म कर दिया है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को इस संबंध में जानकारी दी है। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर रिऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी की है। नए आदेश के तहत, जम्मू- कश्मीर के आइएएस, आइपीएस और आइएफस अधिकारी अब आगे से एजीएमयूटी कैडर (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और यूनियन टेरेटरीज कैडर) का हिस्सा होंगे। 

इससे पहले जम्मू-कश्मीर कैडर के अफसरों की नियुक्ति दूसरे राज्यों में नहीं होती थी। नए आदेश के बाद अब जम्मू-कश्मीर के अफसरों को दूसरे राज्य में भी नियुक्त किया जाएगा। ज्ञात हो कि केंद्र की मोदी सरकार ने 2019 के अगस्‍त महीने में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया था। साथ ही जम्मू-कश्मीर को बदलकर दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था।

केंद्र सरकार का फोकस जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास पर है। यही कारण है कि मनोज सिन्‍हा को उप राज्‍यपाल के रूप में नियुक्‍त किया गया है जो पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के काफी करीबी हैं। केंद्र सरकार ने दोनों प्रदेशों को लेकर कई अहम फैसले लिए हैं।

पिछले जम्‍मू कश्‍मीर में जिला परिषद के चुनाव कराए गए जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लिया है। बीते दिनों ही लद्दाख को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने एक बैठक की थी, अमित शाह और लेह लद्दाख के प्रतिनिधिमंडल के बीच मीटिंग हुई थी। लद्दाख की संस्कृति क्षेत्रीय संरक्षण और पहचान बरकरार रखने को लेकर गृहमंत्री ने एक कमेटी के गठन का ऐलान भी किया था।

(With agency input)

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