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इंसानियत की मिसाल बने पुणे में ऑटो चालक, ‘जुगाड़ एम्बुलेंस’ की शुरूआत की

नई दिल्ली: ऐसे विनाशकारी समय में जब कोविड-19 की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है। लोगों को अस्पताल और एम्बूलेंस बमुश्किल मिल पा रही है। यहां तक की बीमार लोगों के लिए ऑक्सीजन भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। ऐसे समय में लोगों का निराशा में पड़ना बहुत आसान है। लेकिन, इस महामारी में […]

नई दिल्ली: ऐसे विनाशकारी समय में जब कोविड-19 की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है। लोगों को अस्पताल और एम्बूलेंस बमुश्किल मिल पा रही है। यहां तक की बीमार लोगों के लिए ऑक्सीजन भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। ऐसे समय में लोगों का निराशा में पड़ना बहुत आसान है। लेकिन, इस महामारी में अभी भी ऐसे लोग हैं जो अपनी दयालुता के साथ मिसाल कायम कर रहे हैं और इतने बुरे समय में भी उम्मीद की किरण बनकर सामने आ रहे हैं और कोविड रोगियों की मदद कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला पुणे से सामने आया है, जहां कुछ ऑटो चालकों ने एक डाॅक्टर की मदद से ‘जुगाड़ एम्बुलेंस’ की शुरूआत की है।

कुछ दिन पहले, हमने सुना था कि जावेद खान, जो मध्य प्रदेश के भोपाल के एक ऑटो-रिक्शा चालक हैं, जिन्होंने जरूरत पड़ने पर अपने ऑटो को एम्बुलेंस में बदल दिया। वह कोरोना के मरीजों को फ्री में अस्पताल पहुंचा रहे हैं। 

इसी कड़ी में पुणे में ऑटो चालकों के एक समूह ने शहर में कोविड-19 रोगियों को अस्ताल पहुंचाने और लोगों को तुरंत आॅक्सीजन सर्पोट मुहैया कराने के लिए ‘जुगाड़ एम्बुलेंस’ की शुरूआत की है। इस पहल के अग्रणी डॉ केशव क्षीरसागर कहते हैं, ‘‘बीमार लोगों को बिस्तर मिलना मुश्किल हो रहा था, इसलिए हमने 3 ऑटो में ऑक्सीजन सपोर्ट लगाया।’’

डॉ केशव क्षीरसागर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘‘ये ऑक्सीजन सिलेंडर 6-7 घंटे तक चल सकते हैं। हमारे पास एक हेल्पलाइन नंबर है जिसके माध्यम से मरीज हमसे संपर्क करते हैं। हमने अपने ड्राइवरों को प्रशिक्षित किया है कि मरीजों को ऑक्सीजन कैसे देना है और वे पूरी सावधानी भी बरतते हैं। हमारे पास डॉक्टरों की टीम भी है।’’ 

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इंसानियत की मिसाल बने पुणे में ऑटो चालक, ‘जुगाड़ एम्बुलेंस’ की शुरूआत की

नई दिल्ली: ऐसे विनाशकारी समय में जब कोविड-19 की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है। लोगों को अस्पताल और एम्बूलेंस बमुश्किल मिल पा रही है। यहां तक की बीमार लोगों के लिए ऑक्सीजन भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। ऐसे समय में लोगों का निराशा में पड़ना बहुत आसान है। लेकिन, इस महामारी में […]

नई दिल्ली: ऐसे विनाशकारी समय में जब कोविड-19 की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है। लोगों को अस्पताल और एम्बूलेंस बमुश्किल मिल पा रही है। यहां तक की बीमार लोगों के लिए ऑक्सीजन भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। ऐसे समय में लोगों का निराशा में पड़ना बहुत आसान है। लेकिन, इस महामारी में अभी भी ऐसे लोग हैं जो अपनी दयालुता के साथ मिसाल कायम कर रहे हैं और इतने बुरे समय में भी उम्मीद की किरण बनकर सामने आ रहे हैं और कोविड रोगियों की मदद कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला पुणे से सामने आया है, जहां कुछ ऑटो चालकों ने एक डाॅक्टर की मदद से ‘जुगाड़ एम्बुलेंस’ की शुरूआत की है।

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