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45 फीट गहरे कुएं से गिरा 6 फीट का सांप अहिराज, जितेंद्र सारथी की टीम ने बचाई उसकी जान

कोरबाः अक्सर आप लोगों ने देखा होगा गहरे गड्ढे में कई बड़े जानवर गिर जाते हैं, जिनकी मौत तक हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर कुएं खुले हुए होते है जो दीवार से घिरे भी नहीं होते, जिसमें अक्सर कोई न कोई जानवर गिर जाता है। बाकी जानवर हो तो निकाल भी लिया जाए, […]

कोरबाः अक्सर आप लोगों ने देखा होगा गहरे गड्ढे में कई बड़े जानवर गिर जाते हैं, जिनकी मौत तक हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर कुएं खुले हुए होते है जो दीवार से घिरे भी नहीं होते, जिसमें अक्सर कोई न कोई जानवर गिर जाता है। बाकी जानवर हो तो निकाल भी लिया जाए, पर अगर वह एक जहरीला सांप हो तो भला किसकी मजाल है कि उसे निकाल सके। उसके लिए रेस्क्यू की मदद लेनी पड़ती है। 

ऐसा ही मामला ग्राम भूलसीडीह से सामने आया है, जहां एक कुएं में कुछ दिनों से अहिराज सांप गिरा हुआ था, जिसके कारण वो लोग बहुत डरे सहमे रहते थे। उनका मानना था कि देर-सबेर सांप कैसे भी करके बाहर निकल जाएगा। पर देखते ही देखते 4 दिन हो गए सांप बाहर नहीं निकल सका। थक-हार के गांववालों ने स्नेक रेस्क्यू टीम (वन विभाग सदस्य) प्रमुख जितेंद्र सारथी को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद जितेंद्र अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे। उन्होने पहलीयोजना बनाई कि किस तरह से सांप को बाहर निकाला जाए। पूरी योजना बनने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चालू किया गया, जिसमें जितेंद्र सारथी ने राजू बर्मन को नीचे भेजने का फैसला लिया। राजू का वजन कम होने के कारण यह निर्णय लिया गया ताकि नीचे पहुंचाने वाली रस्सी और बांस कम वजन को सह लेने के लिए सक्षम थी। फिर धीरे-धीरे रस्सी की मदद से राजू को नीचे पहुंचाया गया। राजू ने बड़ी मुश्किल से सांप पर काबू किया। तब कहीं जाकर लोगों ने राहत कि सांस ली। सभी को अहिराज सांप के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही सांप को देखते ही सूचना देने की बात कहीं गई।

जितेंद्र सारथी ने बताया यह रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत ही खतरनाक था। एक छोटी सी चूक जिंदगी पर भारी पड़ सकती थीं। पर जिंदगी में कभी-कभी रिस्क लेने भी पड़ता हैं। टीम वर्क बहुत महत्वपूर्ण होता है। साथ ही सूझबूझ के साथ काम करना और दिमाग को शांत रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम हर पल समाज के साथ इन जीवों के लिए समर्पित रहेगें।

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