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शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री सरमा ने असम की जनता से मांगा आशीर्वाद, कहा- हम अपने वादों पर खरे उतरेंगे

लखीमपुरः असम के मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण करने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए असम के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि वे पत्रकारों के माध्यम से असम की जनता से आशीर्वाद मांग रहे है। उन्होंने कहा कि आज से हम एक नयी यात्रा शुरू करने जा रहे है। […]

लखीमपुरः असम के मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण करने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए असम के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि वे पत्रकारों के माध्यम से असम की जनता से आशीर्वाद मांग रहे है। उन्होंने कहा कि आज से हम एक नयी यात्रा शुरू करने जा रहे है। विगत 5 वर्ष राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनोवाल के कुशल नेतृत्व और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमने विकास का एक नया सफर तय किया है। उन्होंने असम की सभी लोगों से एक अमृत धारा प्रवाहित करने के संकल्प के साथ आज की इस नयी यात्रा की शुरुआत करने के लिए असमवासियों से आशीर्वाद मांगा। कल राज्य सरकार के कैबिनेट की प्रथम बैठक होगी, जिसमे असम की मौजूदा कोविड-19 के संक्रमण और उससे निपटने में जो चुनौतियां सामने आएंगी, उसका मुकाबला करने के विषय में विचार विमर्श किया जाएगा।

नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उसके दोनों सहयोगी दल चुनाव के पहले असम की जनता से जो वादे किये थे, जो सपने दिखाए थे, उन्हें पूरा करने के लिए हम मिलकर काम करेंगे। एक लाख बेरोजगार युवक युवतियों को रोजगार देने सहित कई वादे लोगों से किये थे, उन्हें पूरा करने की कोशिश करेंगे। जो भी निर्णय सरकार लेगी उससे पत्रकारों को समय-समय पर अवगत कराया जायेगा। बाढ़ मुक्त असम के सपने सहित सभी वादों को निधारित समय सीमा के अन्दर पूरा करने में हम कल से लग जायेंगे। असम की जनता ने विगत 5 वर्षों में शांति, प्रगति और विकाश की धारा को देखा है। बोरो भूमि और कार्बी इलाके में शांति की स्थापना हुई। 

आज हमारा मंत्रिमंडल असम के बाकी बचे अन्य सशस्त्र संगठनों से हिंसा के मार्ग को छोड़कर शांति वार्ता के जरिये राज्य में स्थाई शांति स्थापित करने के लिए और राष्ट्र की मुख्य धारा में शामिल होने का आह्वान करता है। असम के जातीय जीवन में स्थायी शांति लाने के लिए मुख्यमंत्री ने खासकर संयुक्त मुक्ति वाहिनी असम (अल्फा) के नेता परेश बरुवा से सशस्त्र संग्राम का रास्ता छोड़कर आलोचना के माध्यम से समस्या का समाधान करने का आह्वान किया और कहा कि इसके लिए दोनों पक्षों में इच्छाशक्ति की जरुरत है और दोनों को आगे बढ़ना होगा। हत्या, अपहरण से समस्या का समाधान नहीं होता, बल्कि समस्या जटिल बन जाती है। उन्होंने विश्वास जताया कि वे अपने कार्यकाल में सभी संगठनों को मुख्यधारा में वापस लौटाने में सक्षम होंगे।

चुनाव के समय तथा चुनाव के बाद संवाद सेवियों से प्राप्त सहयोग के लिए मुख्यमंत्री ने सबको धन्यवाद दिया। एक पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने को उनकी सरकार प्राथमिकता देंगे। चुनावी इश्तहार में किये गए वायदे को पूरा करना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी। कल की कैबिनेट मीटिंग के बाद 24 घंटे के अन्दर ही काम करने वाली सरकार के रूप में आप देखेंगे। 

उन्होंने कहा चुनौतियां कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति के मन में काम करने की इच्छा को बढ़ा देती है। इसलिए हम चुनौती के बीच ही काम करेंगे और सफल होंगे। एनआरसी के विषय में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री सरमा ने कहा सीमान्त इलाके में एनआरसी 20 प्रतिशत और अन्य जिलों में 10 प्रतिशत लोगों की नए सिरे से जांच करने के बाद सरकार काम को आगे बढ़ाएगी। यदि जांच के दौरान कहीं गड़बड़ी पाई जाती है तो हम महामान्य अदालत से पुनर्विचार करने का अनुरोध करेंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय सरकार के कोषागार में 7000 करोड़ रुपये है, जिससे सरकार विकासमूल्यक कार्यों को यकीनन कर सकेगी। एक पत्रकार द्वारा पिछले दिनों हुए सामूहिक बलात्कार की तरफ ध्यान आकृष्ट किये जाने पर उन्होंने कहा की राज्य की सभी माताओं और बहनों को सुरक्षा प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता होगी। सभी लोग खुद को सुरक्षित महसूस करें इसके लिए हर मुमकिन प्रयास किया जायेगा। इन सभी घटनाओं की जांच की जाएगी और दोषियों को सजा दिलाने के लिए सरकार काम करेगी।

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