लखीमपुरः जिले की अग्रणी शिक्षण संस्था जॉन फर्थ क्रिस्चियन इंग्लिश हाई स्कूल की 125वीं जयंती आगामी 5 व् 6 जनवरी को आयोजित होने जा रहा है। स्वाधीनता प्राप्ति के पूर्व ही सन 1893 में सुदूर आमेरिका से आये मिशनरी ”जॉन फर्थ“ ने लखीमपुर नगर के नकारी में असमिया माध्यम के प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की थी। वैसे तो विद्यालय ने सन् 2018 में ही अपनी स्थापना के 125 साल पूरा कर लिया था, परन्तु पहले “का“ आन्दोलन और बाद में कोविड 19 के चलते दो तीन बार जयंती की तिथि टालनी पड़ी। चूँकि उस समय स्कूल बहुत कम थे इसलिए जिले के साथ ही परोसी राज्यों- अरुणाचल प्रदेश नागालैंड, मणिपुर, मेघालय और देश के अन्य राज्यों के छात्र-छात्रा भी इस विद्यालय के छात्रावास में रह कर अध्ययन करते थे। इस समय बहुतेरे प्राक्तन छात्र देश के विभिन्न राज्यों में यहाँ तक कि विदेशों में भी गरिमापूर्ण पदों पर अधिष्ठित होकर देश व समाज की सेवा कर रहे हैं।
गत 21 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश के नाहरलगुन में विद्यालय की जयंती की आयोजन समिति के पदाधिकारियों और अरुणाचल प्रदेश के पाक्त्त्न छात्र छात्राओं की एक बैठक हुई। विद्यालय की संचालन समिति के सचिव सौराम दैमारी की अध्यक्षता में सम्पन्न सभा में जयंती के सफल आयोजन के विषय में विस्तार्र से चर्चा की गई। आयोजन समिति ने जयंती के उपलक्ष्य में एक स्थायी प्रवेश द्वार (गेट) बनाने और स्मृति ग्रन्थ के प्रकाशन किये जाने के निर्णय से प्राक्तन छात्रों को अवगत कराया। सभा में उपस्थित सन 1950 में विद्यालय से उत्तीर्ण हुआ एक प्राक्तन छात्र उस समय की कुछ मधुर यादें और विद्यालय के माहौल की चर्चा कर भावुक हो गया। सभा में प्राक्तन छात्र टका तेची को अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे विद्यालय के प्राक्तन छात्र छात्राओं को एक मंच पर लाने के लिए समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई और सभी प्राक्तन छात्रो से पूर्ण सहयोग प्रदान करने का आह्वान किया गया।
आयोजन समिति के कार्याध्यक्ष शिपू भोवाल, सचिव अख्तर आली हजारिका ,संयुक्त सचिव तथा विद्यालय के अध्यक्ष प्रशांत बसुनातारी ,कार्यालय सहायक जॉन सोरेन ,प्राक्तन छात्र सुजीत बसुमतारी के साथ ही अरुणाचल प्रदेश के प्राक्तन छात्र टका तेची ,टका हानिया ,तेर ताना तारा ,ताबा लेची ,लिखा शेवाली ,ताई नाचो लीची ,तेली लिखा ,ताना ताबा ,पिल ताड़ आदि उपस्थित थे। जयंती के आयोजन को लेकर अरुणाचल प्रदेश के प्राक्तन छात्र काफी उत्साहित थे। उन्होंने अपना पूर्ण सहयोग प्रदान कर कार्यक्रम को सफल बनाने का आश्वासन दिया।
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