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Paris Olympics 2024: विनेश फोगट का ‘विवादों’ से ‘स्वर्ण पदक’ तक का ऐतिहासिक सफर

पेरिस ओलंपिक 2024 के दौरान, भारतीय पहलवान विनेश फोगट ने महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल श्रेणी के फाइनल में अपनी जगह पक्की की, और कुश्ती में ओलंपिक स्वर्ण पदक के लिए लड़ने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं।

Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 के दौरान, भारतीय पहलवान विनेश फोगट ने महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल श्रेणी के फाइनल में अपनी जगह पक्की की, और कुश्ती में ओलंपिक स्वर्ण पदक के लिए लड़ने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं। बुधवार को स्वर्ण पदक मैच में फोगट का सामना अमेरिकी सारा एन हिल्डेब्रांट से होगा।

फ़ाइनल तक पहुँचने वाली फोगट की यात्रा में कई प्रभावशाली जीत दर्ज की गईं, जिसकी शुरुआत जापान की विश्व की नंबर 1 और मौजूदा ओलंपिक चौंपियन यूई सुसाकी पर 3-2 से चौंकाने वाली जीत से हुई। रिपोर्ट के अनुसार, इस उलटफेर भरी जीत ने सुसाकी के 83 मुकाबलों के अपराजित क्रम को समाप्त कर दिया और फोगट के शानदार प्रदर्शन की नींव रखी।

अपनी शुरुआती जीत के बाद, फोगट ने क्वार्टर फ़ाइनल में यूक्रेन की 2018 की यूरोपीय चौंपियन ओक्साना लिवाच को हराकर अपना दबदबा बनाए रखा। इसके बाद उन्होंने सेमीफाइनल में क्यूबा की युस्नेलिस गुज़मैन लोपेज़ पर 5-0 की रणनीतिक जीत के साथ फाइनल में अपनी जगह पक्की की।

यह प्रदर्शन फोगट के लिए एक महत्वपूर्ण वापसी है, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक के बाद से कई चुनौतियों का सामना किया है। 2021 में निराशाजनक क्वार्टर फाइनल हार के बाद, वह भारतीय कुश्ती महासंघ के साथ एक विवादास्पद प्रक्रिया में शामिल थीं, जिसके कारण एक बार उन्होंने खेल से संन्यास लेने का मन बना लिया था।

हालांकि, फोगट की प्रेरणा व्यक्तिगत सोच से परे है। साथी भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया के अनुसार, फोगट की प्रेरणा भविष्य के पहलवानों के लिए बेहतर माहौल बनाने की इच्छा से आती है। ईएसपीएन से बातचीत में पुनिया ने फोगट के हवाले से कहा, ‘‘मैं पहलवानों की भावी पीढ़ी के लिए लड़ रही हूँ। अपने लिए नहीं, मेरा करियर खत्म हो चुका है और यह मेरा आखिरी ओलंपिक है। मैं उन युवा महिला पहलवानों के लिए लड़ना चाहती हूँ ताकि वे सुरक्षित रूप से कुश्ती कर सकें। इसलिए मैं जंतर मंतर पर थी और इसलिए मैं यहाँ हूँ।’’

फोगट का इस ओलंपिक फाइनल तक का सफर अपरंपरागत रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अपने सामान्य 53 किग्रा वर्ग में जगह बनाने में विफल रहने के बाद, वह लगातार तीसरे ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए 50 किग्रा वर्ग में उतर गईं।

बुधवार को होने वाले स्वर्ण पदक मैच में परिणाम चाहे जो भी हो, फोगट के इस शानदार प्रदर्शन ने पहले ही इतिहास रच दिया है और भारत के युवा पहलवानों को प्रेरित करने का काम बखूबी किया है।