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41 बार की चैंपियन मुंबई को हराकर मध्यप्रदेश ने जीता पहली बार रणजी खिताब

मध्य प्रदेश की इस जीत के हीरो यश दुबे, शुभम शर्मा और रजत पाटीदार रहे जिन्होंने पहली पारी में शतक जड़ टीम को बढ़त दिलाई थी। इस खिताब के साथ ही मध्यप्रदेश ने 67 साल का अपना सूखा खत्म किया है।

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश ने 41 बार की चैंपियन रही मजबूत मुंबई की टीम को रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में 6 विकेट से हराकर पहली बार इस खिताब पर कब्जा जमा लिया। आखिरी दिन मुंबई ने मध्यप्रदेश के सामने जीत के लिए 108 रनों का लक्ष्य रखा था,जिसे टीम ने 29.5 ओवर में ही हासिल कर लिया।

मध्य प्रदेश की इस जीत के हीरो यश दुबे, शुभम शर्मा और रजत पाटीदार रहे जिन्होंने पहली पारी में शतक जड़ टीम को बढ़त दिलाई थी। इस खिताब के साथ ही मध्यप्रदेश ने 67 साल का अपना सूखा खत्म किया है।

मुंबई ने पहली पारी में सरफराज खान के शतक के दम पर 374 रन बनाए थे। वहीं मध्यप्रदेश ने पहली पारी में 536 रन का विशाल स्कोर बनाकर 162 रनों की लीड हासिल कर मैच पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया था। मध्य प्रदेश के लिए यश दुबे, शुभम शर्मा और रजत पाटीदार ने शतक जड़े थे।

पहली पारी में पिछड़ने के बाद मुंबई की टीम टूट सी गई थी, नियमों के अनुसार अगर 5वें दिन तक फाइनल मैच का रिजल्ट नहीं निकलता तो पहली पारी में बढ़त हासिल करने वाली टीम को विजेता घोषित कर दिया जाता है।

दूसरी पारी में मुंबई की पूरी टीम तेजी से रन बनाने के प्रयास में 269 रनों पर ही ढेर हो गई। मध्यप्रदेश के कुमार कार्तिकेय ने 4 विकेट लेकर मुंबई की कमर ही तोड़ दी।

इसके बाद जीत के लिए 108 रनों के आसान से लक्ष्य को मध्यप्रदेश ने 30वें ओवर की एक गेंद रहते ही हासिल कर लिया। हिमांशु ने 37 तो शुभम और पाटीदार ने 30-30 रन की पारी खेली। पाटीदार ने विनिंग शॉट लगाया और वह अंत तक नाबाद रहे।