विचार

आखिर क्यों करना पड़ी सरकार को एक और नोटबंदी!

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सबसे बड़ी करेंसी 2000 रुपये के नोट पर बड़ा फैसला लिया है। RBI के अनुसार, 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर तो रहेगा, लेकिन इसे सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाएगा।

नई दिल्लीः करीब साढ़े 6 साल बाद सरकार को आखिर क्यों नोटबंदी (demonetisation) का इतना बड़ा कदम फिर से उठाना पड़ रहा है? सरकार ने 8 नवंबर, 2016 में अचानक 500 और 1000 की करंसी को चलन से बाहर कर दिया था और 500 और 2000 की नई करंसी जारी की थी। अचानक लिए गए सरकार के इस कदम का खामियाज़ा आम जनता को उठाना पड़ा था। अब अचानक 2000 के नोटों को चलन से बाहर कर सरकार क्या दर्शाना चाहती है। क्या इसके पीछे सरकार की अदूरदर्शिता है या इसका कोई अन्य कारण है।

अब देखना ये है कि सरकार के 2000 के नोटों को चलन से बाहर करने का निर्णय कितना सफल होता है। पिछली बार जब मोदी जी ने नोटबंदी की घोषणा की थी, तब पूरे देश में भय और आक्रोश का माहौल था। जनता को अपने ही पैसों को बदलवाने के लिए लंबी-लंबी कतारों में लगना पड़ा और भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस प्रक्रिया में सैकड़ों लोगों का अपनी जान भी गवानी पड़ी।

हालांकि, मोदी सरकार ने नोटबंदी को देश हित में सही ठहराया था, लेकिन आज तक इस बात का जवाब नहीं दे पाई कि आखिर इससे देश को क्या फायदा हुआ। नोटबंदी पर पूछने पर सरकार का जवाब था कि जाली करंसी के चलन को बंद करने और आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ये कदम उठाना पड़ा। लेकिन न तो जाली करंसी बंद हुई और न ही आतंकी गतिविधियों पर कोई अंकुश लगा। भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार नोटबंदी पर कोई संतोषजनक जवाब अभी तक नहीं दे पाई।

पिछली नोटबंदी में भारत के नागरिकों ने 6 महीने तक इस दर्द को झेला। अब जब सब कुछ नार्मल चल रहा है तो क्या एक बार फिर से नोटबंदी उचित है और अगर हां तो पहले 2000 के नोट को जारी करने क्या मतलब था, इसका जवाब सरकार को देना ही होगा।

2000 रुपये के नोट पर बड़ा फैसला
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सबसे बड़ी करेंसी 2000 रुपये के नोट पर बड़ा फैसला लिया है। RBI के अनुसार, 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर तो रहेगा, लेकिन इसे सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाएगा। RBI ने देश के बैंकों को सलाह दी है कि 2000 रुपये के मूल्य के नोट को तत्काल प्रभाव से जारी करना बंद कर दिया जाए। ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत रिजर्व बैंक ने ये फैसला लिया है। 30 सितंबर 2023 तक 2000 रुपये के नोटों को बैंक में जमा कराया जा सकता है।

रिजर्व बैंक अनुसार, 23 मई 2023 से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य नोटों से बदले जा सकते हैं। नोट बदलने की सीमा 20,000 रुपये है।

नोटबंदी के बाद जारी हुआ था 2000 का नोट
रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20, वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 रुपये के एक भी नोट नहीं छापे गए हैं। इस वजह से बाजार में 2000 रुपये के नोटों का चलन कम हुआ है।

8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद 500 और 1000 रुपये के सभी नोट चलन से बाहर हो गए थे। इनकी जगह रिजर्व बैंक ने 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे। रिजर्व बैंक का मानना था कि 2000 रुपये का नोट उन नोट की वैल्यू की भरपाई आसानी से कर देगा, जिन्हें चलन से बाहर कर दिया गया था।

दो साल से 2000 रुपये के नोट नहीं छप रहे
2000 के नोट सबसे ज्यादा चलन में वर्ष 2017-18 के दौरान रहे।।इस दौरान बाजार में 2000 के 33,630 लाख नोट चलन में थे। इनका कुल मूल्य 6.72 लाख करोड़ रुपये था। वर्ष 2021 में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में ये जानकारी दी थी कि पिछले दो साल से 2000 रुपये के एक भी नोट की छपाई नहीं हुई है।