राज कुमार
दुनिया के सभी देश एक-दूसरे को मात देने के लिए तरह-तरह की चालें चलते रहते हैं, ‘जिसमें ‘हनी ट्रैप’ (Honey Trap) काफी प्रचलित रहा है। दूसरे देशों की अति गोपनीय जानकारी प्राप्त करने के लिए ‘हनी ट्रैप’ में सेना के अफसरों को ‘विष कन्याओं’ द्वारा फंसाया जाता है। जैसा नाम से ही जाहिर है हनी (Honey) यानि शहद और ट्रैप (Trap) मतलब जाल। एक ऐसा मीठा जाल जिसमें फंसने वाले को अंदाजा भी नहीं होता कि वो कहां फंस गया है और किस मुसीबत का शिकार बनने वाला है। खूबसूरत महिला एजेंट्स (विष कन्याएं) सेना के अधिकारियों को अपने हुस्न के जाल में फंसाती हैं और अपने देश के लिए उनसे महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर लेती हैं। दुश्मन देश जानकारी का क्या इस्तेमाल करेगा वह इस बात पर निर्भर करता है कि जानकारी क्या है और कितनी गोपनीय है।
गौरतलब है कि ‘हनी ट्रैप’ का इस्तेमाल राजनीतिक पार्टियां भी अपने फायदे के लिए करती हैं। अब एक नया और ताजा ट्रे्ंड चला हुआ है, जहां सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके ‘विष कन्याएं’ लोगों को ‘हनी ट्रैप’ में फंसा रही हैं और उन्हें ब्लैकमेल कर उनसे मोटी रकम वसूल कर रही हैं। पुलिस ने ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए ‘साइबर सेल’ बना रखा है, मगर वो भी इन ‘विष कन्याओं’ तक पहुंचने में नाकामयाब रहते हैं। इस कारण इस तरह का गैंग चलाने वाले ये लोग बेखौफ भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसाकर उन्हें मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से टार्चर कर रहे हैं और पुलिस उनके सामने बेबस है।
लोगों का भरोसा हासिल करने के लिए पहले मैसेंजर से उनसे बातचीत शुरू की जाती है। बाद में मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान किया जाता है और व्हाट्सएप्प के जरिए चौटिंग और वीडियो चौटिंग की जाती है। इस तरह की चौटिंग के दौरान अक्सर लाइव सैक्स का आफर किया जाता है और अपनी अंतरंग तस्वीरें, बेहद निजी राज शेयर किए जाते हैं और फिर उस आदमी को ब्लैकमेल करने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है।
वैसे तो ‘हनी ट्रैप’ का इस्तेमाल आदिकाल से हो रहा है, लेकिन अब इसका इस्तेमाल कुछ ज्यादा ही प्रचलित हो रहा है। आपको बता दें कि असुर का अर्थ शक्तिशाली होता है लेकिन समुद्रमंथन की स्टोरी में वो अमृत के बहुत करीब पहुँच कर भी मोहिनी के सम्मोहन (हनी ट्रैप) के कारण इतिहास बनाने से चूक गये थे।
कैसे फंसाया जाता है ‘हनी ट्रैप’ में
सोशल मीडिया आरंभिक दिनों से ही उस इच्छापूर्ति का साधन बन गया, जिसे इंसान रियल लाइफ में करने से डरता है। हाल में ही करीब 5 से 7 मोहिनियों के रिक्वेस्ट और फिर मैसेज आये … जिसमे उन्होंने व्हाट्स एप्प पर वीडियो कॉल के माध्यम से अलौकिक आनन्द (फन) के लिये अनुरोध किया, अनुरोध इसीलिये क्योंकि उन्होंने प्लीज शब्द का इस्तेमाल अनन्त बार किया, अब यहां अनुरोध कि आवश्यकता नही होती अगर जान-पहचान होती या इंसान थोड़ा सा उसके किसी गुण से प्रभावित हुआ होता।
यह सम्भव है कि इंसान अपने चतुर्विध पुरुषार्थ में अर्थ और काम को ज्यादा महत्व देता है, अंततः चार्वाक तो एकमात्र पुरुषार्थ काम पे ही ज्यादा फोकस करते है। प्राचीन काल से ही गुप्तचर के रूप में कन्याओ को इस्तेमाल करने का ट्रेंड रहा है साथ ही विषकन्या के रुप में बड़े स्तर पर चाणक्य ने प्रयोग भी किया। कौटिल्य अर्थशास्त्र और चाणक्यनीति को स्त्री विरोधी माना जाता है, उसके प्रथम अधिकरण विनयाधिकारिक में तो सपष्ट रूप से राजा को अपनी रानी तक से सावधान रहने को कहा गया है और साथ मे बहुत से उदाहरण के तौर पर नाम भी लिया गया है।
कॉलेज के आरंभिक दिनों से ही वैशाखनंदन (कामुक गदहे) की स्टोरी फ़ेमस थी, किसी भी लड़के को जब हम मोहिनी के पीछे पड़े देखते थे और सामने वाली भाव नही देती थी , तो हम झट से उसे वैशाखनन्दन की उपाधि दे देते थे। हाल में ही एक पत्रकार मृणाल पांडेय जी फेमस हुई थी कि देवानां प्रिय को संस्कृत में वैशाखनन्दन भी कहते है। मृच्छकटिक का शकार ऐसा ही पात्र था और वर्तमान में साउथ फिल्मों में विदूषक को कुछ ऐसा ही दिखाया जाता है। उस दौरान सेना और राजनीति से सम्बंधित बहुतों उदाहरण भी सामने आये , जिनका ब्लैकमेल होता दिखा और बेचारे अपना इज़्ज़त और शोहरत सब खो दिये।
अब फ़ोकस और फ्रॉड का शिकार बड़े लोग नही आप और हम जैसे आम लोग हो रहे है, यह एक वक्त है जब आप सोशल मीडिया पर आंख मूंद विश्वास करना बंद ही कर दे। चाहे वह बैंक फ्राड हो या हनी ट्रैप के माध्यम से पैसे को लेकर ब्लैकमेल हो, एक जानने वाले केस में पता चला है कि ऐसे ही सन्देश आये और उस इंसान ने अपना व्हाट्सएप नम्बर दे दिया , वीडियो कॉल पर इसने अपने को अलौकिक आनन्द के लिये समर्पित किया और सामने वाले ने इसका वो वीडियो बना लिया। अब ब्लैकमेल के कुचक्र में वो वैशाखनन्दन बन गया। वेब सीरीज ‘स्पेशल ऑप्स 1.5’ में कुछ ऐसे ही हनी ट्रैप के बारे में बताया गया है।
यह बिल्कुल गलत नही है कि आपके जीवन मे स्त्री की आवश्यकता है, यह भी सहज है कि आप किसी स्त्री के प्रति आकर्षित होते है, प्राकृतिक रूप से यह बड़े बड़े महाव्रतधारी के लिये भी सम्भव नही होता कि वह पर्वत मुनि बना रहे। हर प्राचीन स्टोरी में यह आता है कि पुरुष स्वयम के ऊपर से कंट्रोल खो देते है और स्त्री उन्हें रोता बिलखते छोड़ चली जाती है, पुरुरवा उर्वशी और विश्वामित्र मेनका कि स्टोरी को तो हर कोई जानता है। लेकिन सरल स्वाभाविक रूप से यह तो है कि आप किसी भी सुंदरी अप्सरा पर तुरन्त विश्वास नही कर सकते और कर लिया तो ज्यादा चांस है कि आप इन्द्रासन तो खो ही देंगे, साधु तपस्वी भी कोई न मानेगा।
स्टोरी का मोरल
मोरल ऑफ द स्टोरी यही है कि फेसबुक पे किसी अनजान कन्या का मैसेज आये और वह व्हाट्स एप्प या वीडिओ कॉल पर आपको दिगम्बर बनने को बोले तो आप ब्रह्मानन्द अलौकिक रस की प्राप्ति की उम्मीद न पाल लेना, क्योंकि इसके बाद आप के उस अभिनय को बहुत से सह्रदय देखेंगे और तब वो रस का अनुभव लेंगे। आप थोड़ा ठगा हुआ फील करेंगे और हो सकता है कि आपसे अच्छे खासे पैसे की उगाही कि जाये। संसार मे कुछ भी मुफ्त में नही मिलता और अगर मिल रहा है तो समझ जाइये कि जरूर आगे आप वैशाखनंदन की उपाधि से विभूषित होने वाले है!
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