Climate Change: ऑफशोर वायु ऊर्जा (Offshore Wind Energy) उद्योग के लिए वर्ष 2021 अब तक का सबसे बेहतरीन साल साबित हुआ। इस साल 21.1 गीगावॉट की नई क्षमता को ग्रिड से जोड़ा गया। ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिल (जीडब्ल्यूईसी) द्वारा जारी अपनी ताजा ‘ग्लोबल ऑफशोर विंड रिपोर्ट’ में यह दावा किया गया है। संयोग से इसी समय लिस्बन में यूनाइटेड नेशंस ओशन कॉन्फ्रेंस भी चल रही है।
रिपोर्ट से जाहिर होता है कि ऑफशोर विंड इंडस्ट्री नाटकीय वृद्धि के एक नए दौर में कदम रखने के लिए तैयार हो रही है क्योंकि सरकारें इस तकनीक की तरफ रुख कर रही हैं और ऊर्जा सुरक्षा तथा किफायती बिजली की तलाश में नए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित कर रही हैं। उनकी इस कोशिश का मकसद नेटजीरो उत्सर्जन संबंधी नई महत्वाकांक्षाओं को हासिल करना भी है।
इन उन्नत लक्ष्यों के क्रियान्वयन को लागू करना चाहिए ताकि वर्ष 2025 और उसके बाद से और भी अधिक रिकॉर्ड तोड़ वर्षों का सिलसिला शुरू हो। जीडब्ल्यूईसी की ग्लोबल ऑफशोर विंड रिपोर्ट 2022 यह दिखाती है कि सरकारें ऑफशोर वायु बिजली के प्रति अपनी महत्वाकांक्षा को और बढ़ा रही हैं।
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जीडब्ल्यूएसी मार्केट इंटेलिजेंस ने वर्ष 2030 के लिए अपना नजरिया बदला है और उसने पिछले साल के मुकाबले 45.3 गीगा वाट या 16.7% का अनुमान लगाया है। उसका मानना है कि वर्ष 2022 से 2030 के बीच नयी ऑफशोर वायु बिजली की क्षमता में 260 गीगावॉट की नई वृद्धि हो सकती है। इससे इस दशक के अंत तक वैश्विक स्तर पर कुल 316 गीगावॉट ऑफशोर वायु बिजली क्षमता स्थापित हो जाएगी।
दुनिया भर की सरकारें जिंदगी में कहीं एक बार आने वाले ऐसे अवसर को पहचान रही हैं जब ऑफ शोर वायु बिजली एक सुरक्षित, किफायती और स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन का प्रतिनिधित्व कर रही है। इससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ रोजगार भी पैदा हो रहे हैं। अब हमें लक्ष्यों और महत्वाकांक्षाओं के तेजी से क्रियान्वयन की दिशा में काम करने की जरूरत है।
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इसके अलावा विकास के लिए पूरी तरह तैयार वैश्विक आपूर्ति श्रंखला भी बनाने की आवश्यकता है। साथ ही साथ वायु बिजली उद्योग को स्वस्थ महासागरीय पारिस्थितिकी के मुख्य संरक्षक के रूप में खुद को साबित करने की भी जरूरत है क्योंकि यह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण सागर आधारित उद्योगों में से एक बन गया है।
हमें महासागरीय वातावरण में विभिन्न हित धारकों तथा समुदायों के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि हम काम को इस तरह से तेजी से आगे बढ़ाएं जिससे समन्वय और योजना सुनिश्चित हो। साथ ही साथ जैव विविधता तथा संरक्षण संबंधी लक्ष्यों के प्रति उच्चतम स्तर का सौहार्द भी सुनिश्चित किया जा सके।