जोनाई: धेमाजी जिले के जोनाई महकमा अधिन टाको गिटुंग एमवी (MV) स्कूल, तथा वर्तमान लाईमेकुरी हायर सेकंडरी स्कूल के उपाचार्य कृष्ण कांत पेगु पर भ्रष्टाचार और जाली हस्ताक्षर से विद्यालय में उपाचार्य का पद हासिल करने का आरोप कृषक मुक्ति संग्राम समिति ने लगाया है।
कृषक मुक्ति संग्राम समिति की केन्द्रीय समिति के उपाध्यक्ष सैफ पाव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कृष्ण कांत पेगु पुर्व में टाको गिटुंग एमभी स्कूल में प्रधान शिक्षक के रुप में कार्यरत थे। प्रधान शिक्षक के रुप में कार्यरत रहने के दौरान टाको गिटुंग एमवी स्कूल में छात्रों के लिए मिड डे मील अर्थात मध्याह्न भोजन का आवंटित राशि करीब 3,33,435 रुपए गबन किया था। जिसके फलस्वरूप कृष्ण कांत पेगु को वर्ष 2016 में उन्हें नौकरी से निलंबित किया गया था।
उक्त साल में ही शिक्षा विभाग के द्वारा श्रीपेगु को गबन किये गये 3,33,435 रुपए के भरपाई करने के लिए उनके वेतन से प्रतिमाह दस हजार रुपए के शर्त पर उन्हें पुनः शिक्षक के पद पर योगदान करने के लिए विभागीय कृतपक्ष ने अनुमति प्रदान किया। टाको गिटुंग एमभी स्कूल सन् 2018 में विद्यालय को लाईमेकुरी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एकत्रितकरण किया गया।
लाईमेकुरी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कृष्ण कांत पेगु को पदैन उपाचार्य के रुप में पदोन्नति किया गया । लाईमेकुरी हायर सेकंडरी स्कूल के प्राचार्य और कर्मचारियों को अंधेरे में रखकर चुपचाप श्रीपेगु सम्पुर्ण वेतन ले रहे थे। जिसके बाद वर्ष 2022 के अप्रैल महीने में श्रीपेगु ने पूर्णकालिक उपाचार्य के रूप में एक फोटोकॉपी नियुक्ति पत्र के साथ उपाचार्य के रूप में योगदान किया।
श्रीपेगु उपाचार्य को पद पाने के लिए उन्हें जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मध्याह्न भोजन का बकाया धन का बकाया मुक्त का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य था । मगर श्री पेगु ने बकाया मुक्त प्रमाण पत्र जिला शिक्षा अधिकारी से लेने के बजाय जाली हस्ताक्षर कर प्रमाण पत्र व्यवहार करने का भयानक तथ्य प्रकाश में आई है। हालांकि, जिला प्राथमिक शिक्षा विभाग से प्रमाण पत्र लेने के बजाय यह पाया गया है कि उसने फर्जी साक्ष्य का इस्तेमाल किया।
इस जाली हस्ताक्षर के घोटाले में किसी बड़े गिरोह के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष ने छात्रों के मध्याह्न भोजन के पुंजी की दुरुपयोग और जाली हस्ताक्षर की उच्च स्तरीय जांच की मांग जिले के जिला उपायुक्त और जिला शिक्षा अधिकारी से की है। साथ ही संगठन ने कहा है कि इस तरह के घोटालों में शामिल दोषियों को शिक्षा जैसे पवित्र स्थान में जुड़े रहना समाज के लिए अमंगलकारी है। इसलिए कृष्णकांत पेगु को अतिशीघ्र नौकरी से निलंबित करने की मांग की है। अन्यथा कृषक मुक्ति संग्राम समिति सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।