नार्थ-ईस्ट

जोनाई में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का चावल खुलेआम बिक्री!

रोजाना चावल की बिक्री करीबन 50 क्विंटल और महीने में 1500 क्विंटल , मगर स्टाक पहले जैसा, आखिर वजह क्या है?

जोनाई: धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के जोनाई बाजार के बिचोंबींच राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का चावल खुलेआम खुले बाजार में पिछले तीन वर्षों से बेचने का आरोप लगाया जाता रहा है।जोनाई बाजार के बीचों-बीच स्थित शुल्भ मुल्य के दुकानदार और कालाबाजारी के मसीहा व्यवसायी सांवरमल अग्रवाला द्वारा खाद्य सुरक्षा कानून का चावल खुलेआम हार्डवेयर दुकान में बेचा जा रहा है। इसी कड़ी में गत 20 जुलाई की शाम को जोनाई बाजार के शुल्भ मूल्य के राशन दुकानदारश सांवरमल अग्रवाला के दुकान से खाद्य सुरक्षा कानून का चावल एक पाकेट अर्थात 50 किलों ग्राम चावल रसीद सहित बिक्री करने के पश्चात स्थानीय लोगों और पत्रकारों का एक दल ने दुकान का सामने मौके पर पकड़ लिया। पत्रकारों के सवालों का जबाव देते हुए सांवरमल अग्रवाला के सुपुत्र अजय अग्रवाला उर्फ अजय बजाज ने कहा कि लाक डाउन के दौरान पांच हजार क्विंटल चावल खुलें बाजार से खरीदी की थी।

ओपेन मार्केट का चावल अभी भी स्टाक में करीब एक हजार क्विंटल चावल है। जिसके पश्चात मौके पर जोनाई थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नेत्र कमल सैकिया के साथ पुलिस दल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिक्षक और अधिकारी उक्त दुकान पर पहुंचे। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने जब अजय अग्रवाला उर्फ अजय बजाज का विभाग के द्वारा अप्रमाणित स्टाक राजिस्टर पोजीशन खंगालने पर पाया कि सांवरमल अग्रवाला के दुकान में कुल 5000 क्विंटल नहीं बल्कि 2500 क्विंटल चावल ही खरीद की थी। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि कुल 2500 क्विंटल चावल खुलें बाजार से सांवरमल अग्रवाला ने खरीद की थी और इसका कागजात छानबीन शुरू किया गया है।मगर सवाल यह है कि इतने दिनों से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की कुंभकर्णी निंद्रा भंग क्यों नहीं हुई। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारी और कर्मचारीयों को खुलें बाजार में 25-30 रुपए के भाव से अवैध रूप से चावल की बिक्री का धंधा पिछले कई वर्षों से बेचने की सूचना विभाग को नहीं है ?महकमे के नागरिक एवं आपुर्ति विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सब-कुछ जानते हुए कमीशन के चक्कर में चुप्पी साध रखी है।

वहीं विवादित व्यवसायी सांवरमल अग्रवाला द्वारा पिछले तीन साल से लगातार खुलेआम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का अंत्योदय अन्न योजना और पीएचएच योजना का चावल को चोरी छिपे खरीद कर ओपेन मार्केट में बेच रहा है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का चावल हार्डवेयर दुकान के खरीद विक्री का स्टाक पाजिशन की मांग करने के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारी और कर्मचारी क्यों कतराते हैं। यह एक बड़ा सवाल बनकर रह गया है। सांवरमल अग्रवाला नामक विवादित व्यवसायी ने पिछले लाकडाउन के दौरान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का चावल खुले बाजार में बेचने के लिए एक आदेश लेकर आया था। मगर कालाबाजारी व्यवसायी ने यह सरकारी चावल को जोनाई में कैसे लाया गया , रिलीज आर्डर कहा से लाया गया , कितने गाड़ियां चावल लाई गई , कैशमेमो, चावल की बोरी पर 2019-2020 वर्ष अंकित किया गया है ।ट्रक संख्या के हिसाब के साथ ही आदेश के तहत लाएं गये सरकारी चावल को किस गोदाम में रखा गया है। सरकारी चावल को स्टाक करने के लिए कौन सा गोदाम दर्शाया गया है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का सरकारी चावल को गोदाम में रखने के लिए किस अधिकारी ने आदेश दिया था ,उसका नाम क्या है। इस सरकारी चावल का हिसाब शीर्ष क्रम के अधिकारियों और कर्मचारियों को पता नहीं है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग पुरी तरह मुकदर्शक बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि सांवरमल अग्रवाला के हार्डवेयर दुकान से 2020-2021 वर्ष का चावल कहा से लेकर बेंच रहा है , मगर रहस्य का पर्दा उठाने में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग पुरी तरह से नाकाम हैं।स्थानीय लोगों ने विवादित व्यवसायी सांवरमल अग्रवाला से सरकारी चावल का रिटर्न लेने के साथ ही कालाबाजारी से चावल खरीद कर खुलेआम बिक्री करने के मामले की महकमाधिपति प्रदीप कुमार द्विवेदी से उच्च स्तरीय जांच अपराध अनुसंधान विभाग से कराने की मांग की है।