नार्थ-ईस्ट

अप्रदेशिकृत ओइरामघाट एमई-हाईस्कूल में एक शिक्षक और 8 परिक्षार्थी, परिणाम 100%

असम और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र और धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के केमीजेलेम गांव पंचायत के ओइरामघाट में स्थित ओइरामघाट अप्रदेशिकृत एमई हाई स्कूल सन् 1995 में स्थापित यह विद्यालय पिछले 27वर्षो से सरकारीकरण का बाट जोह रहा है। कक्षा छह से दस तक पांच कक्षाओं में कुल 60 से अधिक छात्र-छात्राएं इस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

जोनाई: असम और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र और धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के केमीजेलेम गांव पंचायत के ओइरामघाट में स्थित ओइरामघाट अप्रदेशिकृत एमई हाई स्कूल सन् 1995 में स्थापित यह विद्यालय पिछले 27वर्षो से सरकारीकरण का बाट जोह रहा है। कक्षा छह से दस तक पांच कक्षाओं में कुल 60 से अधिक छात्र-छात्राएं इस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

इस विद्यालय में प्रधान शिक्षक उमाकांत गोहांई ने बताया कि वे डिब्रूगढ़ शहर से सन् 2000 में ओइरामघाट घुमने के लिए आये थे।ओइराम घाट में आकर उक्त समय से इस विद्यालय में शिक्षा दान के कार्य में जुट गए । सरकारीकरण की बाट देखते देखते इस विद्यालय के प्रधान शिक्षक उमाकांत गोहांई की आधी से अधिक जिंदगी गुज़र गई है, जिसके फलस्वरूप विद्यालय के सरकारीकरण नहीं होने के कारण प्रधान शिक्षक उमाकांत गोहांई को भयंकर आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है।

उक्त विद्यालय के सरकारीकरण की आस लगाए बैठे प्रधान शिक्षक उमाकांत गोहांई यह विद्यालय छोड़ भी नहीं सकते है। विद्यालय में जाकर पाठदान करते हैं तो उन्हें दो जून की रोटी के लिए तरसना पड़ता है । प्रधान शिक्षक उमाकांत गोहांई ने बताया कि मेरी स्थिति तो सांप-छछुंदर वाली है। अगर इस विद्यालय को छोड़कर चले जाते तो इन गरीब बच्चों का क्या होगा और ये लोग जायेंगे कहां ।

इन बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित जोनाई सदर जाना पड़ेगा। उमाकांत गोहांई ने इस संवाददाता को बताया कि इस वर्ष 2022 का मंगलवार को घोषित मैट्रिक परीक्षा के परिणाम राज्य के अन्य भागों के साथ ही महकमा सदर से करीब पंद्रह किलोमीटर दूर स्थित ओइरामघाट एमई-हाईस्कूल विद्यालय का परिणाम सौ प्रतिशत रहा। इस विद्यालय से कुल आठ छात्रों ने परीक्षा दी थी। जिसमें से पांच छात्र द्वितीय स्थान और तीन छात्र तृतीय स्थान से उत्तीर्ण हुए है।

उल्लेखनीय है कि इस विद्यालय के प्रधान शिक्षक उमाकांत गोहांई ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है। सरकारी विद्यालय की तरह इन्हें भी सुविधा उपलब्ध कराई जाय तो परिणाम और भी बेहतर हो सकते हैं। इसी कड़ी में कृषक मुक्ति संग्राम समिति की केन्द्रीय समिति की उपाध्यक्ष सैफ पाव ने इस विद्यालय में उपस्थित होकर प्रधान शिक्षक उमाकांत गोहांई को फुलाम गामोछा से सम्मानित किया और धन्यवाद ज्ञापन किया।

सैफ पाव ने कहा कि सरकार सरकारी विद्यालयों में गुणोत्सव का आयोजन कर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। अगर ओइरामघाट एमई-हाईस्कूल जैसे विद्यालयों के मैट्रिक परीक्षा के परिणाम को देखकर सरकारीकरण करती तो राज्य के लोगों को निजी स्कूलों का चक्कर लगाने नहीं पड़ते। साथ ही सैफ पाव ने कहा कि नाकाम सरकारी स्कूलों के शिक्षक ओइरामघाट एमई-हाईस्कूल विद्यालय में आकर प्रधान शिक्षक उमाकांत गोहांई से आकर सिखें ।

उमाकांत गोहांई नामक शिक्षक अकेला ही किस तरह से अपने बच्चों को बगैर वेतन के शिक्षादान कर मैट्रिक परीक्षा में परिणाम सौ प्रतिशत के मुकाम को हासिल किया है। साथ ही श्री पाव ने कहा कि इस विद्यालय का 2021 वर्ष में परिणाम 86% रहा है।

उल्लेखनीय है कि इस विद्यालय का सरकारीकरण नहीं होने के कारण शिक्षकों के साथ -साथ अध्धयनरत विद्यार्थियों का भविष्य भी अंधकारमय होता जा रहा है। कृषक मुक्ति संग्राम समिति की केन्द्रीय समिति की उपाध्यक्ष सैफ पाव ने इस विद्यालय को अतिशीघ्र सरकारीकरण करने की मांग राज्य के शिक्षा मंत्री से किया है।