जोनाई: एक तरफ जहां पर सरकार शुद्ध पर्यावरण और साफ वातावरण के लिए अरबों रुपए खर्च कर हरे पेड़ लगवा रही है। वहीं जिम्मेदार वन विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के ध्यान न देने की वजह से हरे मुल्यावान हरे पेड़ों की कटाई जोरों पर चल रही है।
धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के पोबा वनांचल से गत 01 जुलाई को मुल्यावान पेड़ों का अवैध कटाई कर सियांग नदी के जरिए नाव में लादकर हरे मुल्यावान पेड़ों की कुंदे ले जाने के दौरान स्थानीय टीएमपीके संगठन ने पकड़ कर वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे।
टीएमपीके संगठन ने उपस्थित वन विभाग के कर्मचारियों को तीन वन माफिया सहित कुंदे से लदे नाव को वन विभाग को सौंप दिया। मगर जोनाई वन विभाग के अधिकारी मुकुट राभा ने पैसे का लेनदेन कर तीनों वन माफियाओं सहित कुंदे को छोड़ दिया।
पोबा तीन माइल बीट के वन विभाग के एक कर्मचारी ने कहा कि हम लोगों ने कुंदे जब्त कर तीनों अपराधियों को जोनाई वन विभाग के अधिकारी रेंजर मुकुट राभा को सौंप दिया। मगर मुकुट राभा ने पोबा वनांचल से अवैध रूप मुल्यावान पेड़ों की कुंदे की कटाई कर ले जाने के समय टीएमपीके संगठन ने पकड़ कर वन विभाग को सौंपा।
लेकिन ताजुब की बात है कि मुकुट राभा ने तीनों अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बजाय तीनों अपराधियों को दोषमुक्त कर दिया। जिसके पश्चात टीएमपीके संगठन के पदाधिकारियों ने आज मौके पर पहुंचकर देखें तो वहां कुंदे से लदे नाव गायब है।
टीएमपीके संगठन के नेताओं ने इसके सूचना स्थानीय संवाददाताओं को दी।हरे पेड़ों की कटान कर रहे वन माफियाओं ने वन विभाग के मिलीभगत में चकमा देने के लिए नये नये तरीके का इजाद किये हैं।
अब सवाल उठता है कि इस तरह यदि जिम्मेदार लोग नहीं देंगे ध्यान तो पेड़ो की कटाई पर कैसे होगा नियंत्रण और पर्यावरण शुद्ध कैसे रहेगा इस ज्वलंत विषय पर कौन सोचेगा, अब देखना है विभागीय कार्रवाई होती है या ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है।