नार्थ-ईस्ट

पार्कोपाइन निर्माण कार्य के टेंडर में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप, उच्च स्तरीय जांच की मांग

आरोप यह भी है कि जल सम्पदा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के मिलीभगत में अपने पहचान वाले ठेकेदार को फायदा पहुंचाने की नीयत से उक्त कार्य शुरू करा दिया गया है।

जोनाई: धेमाजी (Dhemaji) जिले के जोनाई महकमा के जल सम्पदा विभाग कार्यालय एक बार फिर से विवादों के घेरे में है। इस बार बिना टेंडर के ही लाली-सियांग नदी में पार्कों पाइन निर्माण का कार्य शुरू कराने का गंभीर मामले सामने आया है।

आरोप यह भी है कि जल सम्पदा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के मिलीभगत में अपने पहचान वाले ठेकेदार को फायदा पहुंचाने की नीयत से उक्त कार्य शुरू करा दिया गया है।

इस संदर्भ में कृषक मुक्ति संग्राम समिति की केन्द्रीय समिति के उपाध्यक्ष सैफ पाव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि जल सम्पदा विभाग के अधिकारीयों और कर्मचारीयों को बारिश दौरान उक्त कार्य शुरू कराने का मकसद क्या हैं।

साथ श्री पाव ने कहा कि बगैर टेंडर प्रक्रिया , बगैर वर्क आर्डर और ठेकेदार के अनुपस्थिति में अपने चेहते ठेकेदार को ठेका देने में गड़बड़ियां और भ्रष्टाचार साफ दिखाई दे रही हैं।

बिना टेंडर निकाले ही काम शुरू किए जाने को लेकर उन्होंने सवाल उठाया तब वहां के ठेकेदार के अनुपस्थिति में जोनाई के प्रभारी अधिकारी व सहकारी कार्यवाही अभियंता जवाहरलाल राय ने स्वयं ही कार्य कराते नजर आये।

वहीं इस बारे में पूछे जाने पर जोनाई (Jonai) के प्रभारी अधिकारी और सहकारी कार्यवाही अभियंता जवाहरलाल राय ने माना कि टेंडर नहीं निकाला गया है। मगर इस कार्य का टेंडर धेमाजी जिले के अशोक अग्रवाल नामक ठेकेदार को दिया जायेगा इस बात को उन्होंने स्वीकार किया ।

इस घटन के बाद स्थानीय स्वंददाताओं द्वारा पुछे गए प्रश्नों के उत्तर में प्रभारी अधिकारी जवाहर लाल राय ने कहा कि तीनमाइल घाट से बदलपुर सियांग नदी किनारे भू-कटाव रोकथाम के लिए SOPD-FDR योजना के तहत करीब 8.800 किलोमीटर लम्बी करीब 14 करोड़ 75 लाख की लागत से पार्कों पाइन लगाने का कार्य कराया जा रहा है।

प्रभारी अधिकारी जवाहर लाल राय ने कहा कि जल सम्पदा विभागीय मुख्य अभियंता के बगैर टेंडर के मौखिक रूप से निर्देश के तहत यह कार्य चलाया जा रहा है । साथ ही कहा कि हमलोग कुछ काम बगैर टेंडर जारी किए के ही कार्य कराते रहते हैं।

संवाददाताओं ने प्रश्न किया कि अगर कार्य कराना ही था तो बारिश के पुर्व में ही कार्य क्यो नही कराया गया तो उन्होंने कहा हमें टेंडर निकालने में देर हो गई है।

उल्लेखनीय है कि अशोक अग्रवाल नामक ठेकेदार और जल सम्पदा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिली भगत में निर्माण कार्य शुरू करने का आरोप स्थानीय लोगो ने भी लगाया हैं। स्थानीय लोगों ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग सरकार से की है।