नार्थ-ईस्ट

डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के भाषा अध्यन केंद्र के मिसिंग शाखा के 30 सदस्य दल शब्दों की खोज में निकला

डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के छात्रों का दल ने आज सुबह जोनाई के पार्किंग प्लेस के नासार सुक अकुम के प्रांगण में पहुंचने पर जोरदार तरीके से स्वागत किया गया। मिसिंग जातीय परंपरा व डोनी पोलो धार्मिक नियमों के तहत छात्रों के दल को आशीर्वाद प्रदान किया गया।

जोनाई: मिसिंग स्वायत्त शासित परिषद (Missing Autonomous Governing Council) के तत्वावधान में और एमएसी के शिक्षा विभाग के कार्यवाही सदस्य राजु मेदक और टीएमपीके ,एमएमके सहित पांच मिसिंग जातीय संगठनों (Missing Ethnic Organizations) के सहयोग से डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय (Dibrugarh University) के भाषा अध्ययन केंद्र मिसिंग शाखा के अध्ययन के लिए 30 सदस्यों का एक दल ने दो प्रवक्ता के निगरानी में 29 मार्च से पांच दिवसीय अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के विभिन्न भागों में मिसिंग भाषा के शब्दों की खोज में यात्रा का शुभारम्भ किया।

डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के छात्रों का दल ने आज सुबह जोनाई के पार्किंग प्लेस के नासार सुक अकुम के प्रांगण में पहुंचने पर जोरदार तरीके से स्वागत किया गया। मिसिंग जातीय परंपरा व डोनी पोलो धार्मिक नियमों के तहत छात्रों के दल को आशीर्वाद प्रदान किया गया।

अध्यन के उद्देश्य से यात्रा करने वाले छात्रों को नेतृत्व प्रदान करने वाले मिसिंग लोकसंगीत के ग्वेशक डॉ पवित्र कुमार पेगु , मिसिंग स्वायत्त शासित परिषद के कार्यवाही सदस्य राजु मेदक , टीएमपीके के केन्द्रीय समिति के तुषार नाटे , टीएमपीके के जोनाई जिला समिति के अध्यक्ष संजय कुम्बांग उपस्थित थे।इसके बाद मिसिंग स्वायत्त शासित परिषद के शिक्षा विभाग के कार्यवाही सदस्य राजु मेदक के अगुवाई में जोनाई से अरुणाचल प्रदेश की ओर अपने भाषा की खोज में यात्रा आरंभ किया।