नई दिल्लीः शिवसेना (Shiv Sena) पर किसका अधिकार है? उद्धव गुट (Uddhav Thackeray) असली शिवसेना है या एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde)? इन्हीं सवाल के जवाब के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अहम सुनवाई हुई। शिंदे गुट और उद्धव गुट के वकीलों की तमाम दलीलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि वह इससे संबंधित सभी मामलों की सुनवाई करेगा।
सुनवाई के दौरान उद्धव गुट के वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघली ने दलीले पेश की। सिब्बल का यह कहना है कि यदि एकनाथ शिंदे के साथ दो तिहाई विधायक हैं। तो दल-बदल कानून के आर्टिकल 10 के मुताबिक, उन्हें या तो भाजपा में अपना विलय कर लेना था या नई पार्टी बनाना थी।
कपिल सिब्बल ने अपनी दलीलों के दौरान कहा कि एकनाथ शिंदे के साथ गए विधायक अयोग्य हैं तो महाराष्ट्र विधानसभा में स्पीकर का चुनाव और फिर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सरकार का गठन और अब तक लिए गए इस सरकार के सभी फैसले भी असंवैधानिक है।
वहीं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे गुट के वकील हरीशा साल्वे ने कहा कि उद्धव ठाकरे के पास बहुमत नहीं है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि आप केंद्रीय चुनाव आयोग के पास क्यों गए, इस पर शिंदे गुट के वकील ने कहा कि बीएमसी के चुनाव आने वाले हैं। वहां शिवसेना का चुनाव चिह्न कौन इस्तेमाल करेगा, यही सवाल है और यह फैसला चुनाव आयोग कर सकता है।
अब मामले में गुरुवार को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों के मुद्दों की लिस्ट मांगी है।