नई दिल्ली: PFI के खिलाफ जांच एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई के बाद अब इस पर बैन लगाने की मांग तेज होती जा रही है। RSS से जुड़े संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने अन्य राष्ट्रवादी संगठनों के साथ बैठक करने के बाद सरकार से PFI पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
साथ ही मंच ने सरकार से सवाल पूछा कि PFI अगर इतना ही खतरनाक हो गया है तो उस पर जल्द से जल्द बैन क्यों नहीं लगाया जा रहा है? उसके बैंक अकाउंट फ्रीज क्यों नहीं किए जा रहे हैं? संपत्तियां क्यों नहीं कुर्क की जा रही हैं? पीएफआई के नेता, पदाधिकारी और प्रतिनिधियों पर हिंसक कार्रवाई में शामिल होने के आधार पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?
जबकि कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से यह कहा गया था कि कुछ राज्यों में पीएफआई प्रतिबंधित है और केंद्र सरकार भी प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है।
दरअसल, टेरर फंडिंग को लेकर NIA एजेंसी और ED ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिय से जुड़े पदाधिकारियों पर देशभर में कार्रवाई की है। इस मामले में कई गिरफ्तारियां हुई हैं। वहीं मेरठ और वाराणसी से पीएफआई के छह सदस्य गिरफ्तार किए गए।
गौरतलब है कि 2012 में भी PFI के टेरर लिंक सामने आने के बाद इस संगठन को बैन करने की मांग उठी थी। इसके बाद 2017 में NIA ने गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें PFI के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की बात सामने आई थी। इस मामले के बाद भी इसपर प्रतिबंध लगाने की मांग उठ चुकी है।