कानपुरः बीते शनिवार को कोर्ट में सुनवाई से पहले राकेश सचान ने खुद को सरेंडर कर दिया, लेकिन जज के फैसला सुनाने से पहले वह फरार हो गए। जिसके बाद पुलिस उनकी तलाश में जुट गई है।
35 साल पहले ठेकेदारी के दौरान का मामला
35 साल पहले यूपी सरकार में मंत्री राकेश सचान के खिलाफ रेलवे की ठेकेदारी के दौरान गिट्टी चोरी होने पर आईपीसी की धारा 389 और 411 में मुकदमा दर्ज किया गया था। चोरी गई गिट्टी की बरामदगी भी हो गई थी। मामला कोर्ट में विचाराधीन था। शनिवार को कोर्ट ने फैसले का दिन मुकर्रर किया। इस बीच दोषी पाए जाने की भनक लगने के बाद राकेश सचान कोर्ट से फरार हो गए।
होल्ड आर्डर लेकर रफूचक्कर
मंत्री राकेश सचान का वकील अविनाश कटियार भी कोर्ट से होल्ड आर्डर लेकर रफूचक्कर हो गया। काफी देर तक जब वकील की तलाश कराई गई और वह नहीं मिला तो एसीएमएम थर्ड आलोक यादव सजा होल्ड करने के बाद न्यायालय से उठकर चले गए। वहीं, इस पूरे मामले की चर्चा पहले कोर्ट में और फिर पूरे शहर में तेजी से शुरू हो गई।
कहा तो यह भी जा रहा है कि पूरे मामले की जानकारी मंत्री राकेश सचान को भी थी, लेकिन उन्होंने इस तरह की किसी बात से इंकार कर दिया है। दरअसल उक्त मामले की सुनवाई शनिवार को एसीएमएम थर्ड की कोर्ट में हो रही थी। दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद आर्डर को होल्ड किया था। इस मामले में बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भी हस्तक्षेप किया है।