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दो दिवसीय तटीय रक्षा अभ्यास एक्सरसाइज ‘सी विजिल 21’ सम्पन्न

नई दिल्लीः दो दिवसीय तटीय रक्षा अभ्यास एक्सरसाइज सी विजिल 12 और 13 जनवरी 2021 को आयोजित किया गया। सी विजिल की अवधारणा और भौगोलिक विस्तार में देश की पूरी तटरेखा और ईईजेड शामिल थे। इस दौरान शांति से लेकर युद्ध काल तक के अभ्यास किए गए। इसके अलावा, तटीय सुरक्षा में किसी भी तरह […]

नई दिल्लीः दो दिवसीय तटीय रक्षा अभ्यास एक्सरसाइज सी विजिल 12 और 13 जनवरी 2021 को आयोजित किया गया। सी विजिल की अवधारणा और भौगोलिक विस्तार में देश की पूरी तटरेखा और ईईजेड शामिल थे। इस दौरान शांति से लेकर युद्ध काल तक के अभ्यास किए गए। इसके अलावा, तटीय सुरक्षा में किसी भी तरह के उल्लंघन के मामले में तट पर उससे निपटने के तरीकों का भी अभ्‍यास किया गया।

इस अभ्यास में पूरे तटीय सुरक्षा तंत्र की तैनाती की गई थी। साथ ही इसमें भारतीय नौसेना (आईएन) और तटरक्षक बल (सीजी) की 110 से अधिक जमीनी संपत्तियों को शामिल किया गया था। इसके अलावा बड़ी तादाद में मरीन पुलिस और सीमा शुल्क विभाग की परिसंपत्तियों की भी तैनात की गई थी। भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के विमान द्वारा पूरे तटवर्ती क्षेत्र की निगरानी की गई। साथ ही हेलीकॉप्टरों को अपतटीय प्लेटफॉर्मों पर काम करने वाले विशेष परिचालन कर्मियों की सेवा में भी लगाया गया था।

चूंकि बंदरगाह समुद्र के जरिये होने वाले व्यापार का प्रमुख केंद्र होता है, इसलिए अभ्यास के दौरान बंदरगाहों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्‍यान दिया गया और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी बंदरगाहों की संकट प्रबंधन योजनाओं का मूल्यांकन किया गया। राज्य पुलिस दल, भारतीय नौसेना के मरीन कमांडो और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के कमांडो को समुद्री आतंकवाद संबंधी वारदातों से निपटने के लिए अभ्यास कराया गया।

इस अभ्यास ने राष्ट्रीय कमान, नियंत्रण, संचार एवं खुफिया (एनसी3आई) नेटवर्क नामक तकनीकी निगरानी बुनियादी ढांचे को भी मान्यता प्रदान किया। गुरुग्राम के सूचना प्रबंधन एवं विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) और भारतीय नौसेना एवं तटरक्षक बल के स्टेशनों पर इसके विभिन्न नोड्स का उपयोग निगरानी और सूचना प्रसार तंत्र के समन्वय के लिए किया गया।

इस अभ्यास के परिकल्पित उद्देश्यों को सभी हितधारकों की पूरे दिल से भागीदारी के जरिये पूरा किया गया।

इसमें शामिल विभिन्न एजेंसियों के बीच सहयोग और समन्वय तटीय रक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति का एक आश्वस्त करने वाला संकेत है। साथ ही समुद्री क्षेत्र में तटीय रक्षा एवं राष्ट्रीय सुरक्षा को बेहतर करने के लिए यह अभ्यास काफी महत्‍वपूर्ण साबित होगा।

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