नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश में बच्चों के बीच ‘टोमेटो फ्लू’ (Tomato Flu) के 82 मामले सामने आने के बाद मंगलवार को राज्य सरकारों को एहतियाती उपायों का पालन करने का निर्देश दिया। केंद्र ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस वायरल रोग के इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है।
दरअसल, यह रोग हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का एक स्वरूप प्रतीत होता है। यह मुख्य रूप से 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों में होता है, लेकिन वयस्क भी इसके शिकार हो सकते हैं। केंद्र द्वारा जारी एक परामर्श में कहा गया है कि बच्चों को बीमारी के संकेतों और लक्षणों और इसके दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए।
केंद्र ने एडवायजरी जारी करते हुए कहा कि वैसे तो ‘टोमेटो फ्लू’ में अन्य वायरल संक्रमणों की तरह जैसे बुखार, थकान, बदन दर्द और त्वचा पर चकत्ते जैसे लक्षण दिखते हैं, लेकिन इस वायरस का सार्स-कोव-2, मंकीपॉक्स, डेंगू या चिकुनगुनिया से कोई संबंध नहीं है।
बता दें कि इस साल छह मई को केरल के कोल्लम जिले में ‘टोमेटो फ्लू’ का पहला मामला सामने आया था और इसके अब तक 82 से मामले सामने आने की सूचना है।
कम उम्र के बच्चों को टोमेटो फ्लू होने का जोखिम अधिक है और यदि इसके प्रकोप को रोका और नियंत्रित नहीं किया जाता तो वयस्कों में भी संक्रमण फैल सकता है। लांसेट की रिपोर्ट के अनुसार टोमेटो फ्लू या टोमेटो बुखार की सबसे पहले पहचान छह मई को केरल के कोल्लम जिले में हुई थी। राज्य सरकार के अस्पतालों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 26 जुलाई तक पांच साल से छोटे 82 बच्चों में संक्रमण का पता चला है। केरल के अलावा तमिलनाडु और ओडिशा में भी टोमेटो फ्लू के मामलों का पता चला है।