नई दिल्लीः केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Farm Law) का विरोध कर रहे भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने आज कहा कि 6 फरवरी को होने वाला चक्का जाम दिल्ली के अंदर नहीं होगा। उन्होंने देशभर के किसानों से आग्रह किया कि वे जहां भी हों, वहीं शांतिपूर्ण ढंग से चक्का जाम करें। दूसरी ओर, प्रस्तावित चक्का जाम के लिए प्रशासन और पुलिस अधिकारी भी कमर कस रहे हैं और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम में लगे हैं। दूसरी ओर, बारिश और ठंड के बावजूद, किसान मोर्चे पर डटे हुए हैं।
संयुक्ता किसान मोर्चा ने कहा है कि चल रहा आंदोलन उग्र हो गया है और वह निरंकुश रहेगा और किसी भी राजनीतिक नेता को मंच से बोलने की अनुमति नहीं है, विपक्षी नेता किसान नेताओं से मिलने और उनसे एकजुटता व्यक्त करने के लिए टिकैत से आए दिन मिल रहे हैं। कल, कुछ विपक्षी सांसदों का एक समूह गाजीपुर में किसानों से मिलने पहुंचा, लेकिन पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद वापस लौट गया।
इस बीच, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में होने वाली किसान पंचायतों की राष्ट्रीय लोकदल की श्रृंखला आज से नए कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुई। किसान यूनियनों ने कल (6 फरवरी) दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का आह्वान किया है।
केन्द्र द्वारा बनाए गए 3 नए कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे किसान नेताओं ने चक्का जाम करने का ऐलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि छह फरवरी को देशभर में आंदोलन होगा।
गौरतलब है कि किसान संगठनों ने चक्का जाम करने का यह ऐलान बजट में किसानों को ‘नजरअंदाज’ किए जाने, विभिन्न जगहों पर इंटरनेट बंद करने समेत अन्य दूसरे मुद्दों के विरोध में किया है।
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