राष्ट्रीय

फ्लाइट में कृपाण पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने डोमेस्टिक फ्लाइट में कृपाण रखने की अनुमति के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि फ्लाइट में कृपाण रखना दूसरे यात्रियों के लिए खतरा हो सकती है। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने ब्यूरो आफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। दरअसल घरेलू उड़ानों में सिख यात्रियों को कृपाण रखने की अनुमति दी गई थी, जिसके खिलाफ हिंदू सेना ने याचिका दायर की थी।

दरअसल घरेलू टर्मिनलों से संचालित होने वाली उड़ानों और एयरपोर्ट पर तैनात सिख कर्मचारियों को तय लंबाई की कृपाण ले जाने की इजाजत दिए जाने के खिलाफ हिंदू सेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस मामले में हिंदू सेना का कहना था कि इस तरह की इजाज़त विमान में यात्रा करने वाले दूसरे यात्रियों के लिए खतरा बन सकती है, इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने शुक्रवार को इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी है।

बता दें कि बीते चार मार्च को बीसीएएस ने सिखों के हवाई उड़ानों के दौरान किसी भी हवाई अड्डे पर कृपाण लाने पर रोक लगा दी थी। उसके बाद नौ मार्च को एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने नागरिक उड्डयन मंत्री को पत्र लिखकर इस फैसले को बदलने की मांग की थी। उसके बाद 12 मार्च को बीसीएएस ने एक शुद्धि पत्र जारी कर अपना ये फैसला वापस ले लिया।