नई दिल्ली: अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट से उत्पन्न मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया। सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम सप्रे इस समिति के अध्यक्ष होंगे। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि समिति स्थिति का समग्र आकलन करेगी और निवेशकों को जागरूक करने के उपाय सुझाएगी। इसके अलावा कोर्ट ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) को स्टॉक की कीमतों में कथित हेरफेर की जांच करने का भी निर्देश दिया। सेबी को यह रिपोर्ट दो महीने में सौंपनी है।
एक्सपर्ट कमेटी में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएम सप्रे के अलावा ओपी भट्ट, केवी कामथ, नंदन नीलेकणि, जस्टिस देवधर और सोमशेखर सुंदरेसन शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक तंत्र से संबंधित समिति के गठन पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में “शेयर दुर्घटना” की जांच के लिए समिति गठित करने का आदेश दिया है। कमेटी शेयर बाजार में आई गिरावट के कारणों की जांच करेगी और भविष्य के लिए सुझाव देगी।वहीं, गौतम अडाणी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए एक ट्वीट शेयर किया है। उन्होंने ट्वीट में कहा-अडाणी समूह माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करता है। यह समयबद्ध तरीके से अंतिम रूप लाएगा और सत्य की जीत होगी।
बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को अपने आदेश को सुरक्षित रखते हुए अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में केंद्र सरकार द्वारा सीलबंद कवर सुझाव को मानने से इनकार कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ के सुनावई के दौरान कहा था कि वह सीलबंद कवर के सुझाव को स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि वे पूरी पारदर्शिता चाहते हैं।
दरअसल, पिछले महीने अडाणी समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई थी। 24 जनवरी की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में समूह द्वारा स्टॉक में हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया। हालांकि, अडाणी समूह ने 29 जनवरी को 413 पन्नों की एक रिपोर्ट में कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट किसी विशिष्ट कंपनी पर हमला नहीं, बल्कि भारत की विकास गाथा पर हमला बताया था।