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साइबर फ्रॉड पर ’सख्ती’, 1000 करोड़ की संपत्ति जब्त

सरकार ने सोमवार को लोकसभा को सूचित किया कि अपराध से संबंधित 1000 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर और क्रिप्टो संपत्ति को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत कुर्क या जब्त किया गया है। साथ ही, ऐसी कंपनियों द्वारा नवंबर 2022 और अप्रैल 2019 के बीच अनुमानित जीएसटी चोरी करीब 22,936 करोड़ रुपये थी।

नई दिल्लीः सरकार ने सोमवार को लोकसभा को सूचित किया कि अपराध से संबंधित 1000 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर और क्रिप्टो संपत्ति (Crypto Currency) को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत कुर्क या जब्त किया गया है। साथ ही, ऐसी कंपनियों द्वारा नवंबर 2022 और अप्रैल 2019 के बीच अनुमानित जीएसटी चोरी करीब 22,936 करोड़ रुपये थी।

वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय साइबर और क्रिप्टो एसेट फ्रॉड से जुड़े कई मामलों की जांच कर रहा है। जिसमें धोखाधड़ी करने के लिए ऑनलाइन गेमिंग सहित एप्लिकेशन का उपयोग और उससे प्राप्त आय का गबन शामिल है।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि इन मामलों में 6 दिसंबर, 2022 तक पीएमएलए के प्रावधानों के तहत 1000 करोड़ रुपये से अधिक के अपराध की आय पर रोक लगा दी गई है।

वित्त मंत्रालय ने आगे कहा कि जहां तक जीएसटी चोरी की बात है तो सीबीआईसी के गठन से भारत के साथ-साथ विदेशों में स्थित कुछ गेमिंग कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। अप्रैल 2019 से 22 नवंबर के दौरान इन कंपनियों द्वारा जीएसटी चोरी की अनुमानित चोरी 22,936 करोड़ रुपये आंका गया है।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 की धारा 37ए के तहत 289.28 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।

एजेंसी इनपुट के साथ